समर्थक

Thursday 5 November 2009

"सात रंग बदलती शिव की पिण्डी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

"श्री वनखण्डी महादेव"
चकरपुर, जिला-ऊधमसिंहनगर (उत्तराखण्ड)

आप ऊपर के चित्र में "श्री वनखण्डी महादेव" चकरपुर, जिला-ऊधमसिंहनगर (उत्तराखण्ड) की शक्ति-पीठ का मुख्य-द्वार देख रहे हैं - कभी यह कुमाऊँ के घने मैदानी जंगलों के बीच मे स्थित था। बढ़ती आबादी के कारण अब यह पर्वतों का द्वार कही जाने वाली मुख्य सड़क के किनारे है।



जी हाँ !
यही वो सिद्ध-पीठ है जिसमें कलश के नीचे स्थित शिव-शंकर की पिण्डी शिवरात्रि की रात को सात बार अपना रंग बदलती है।

मुझे भली-भाँति याद है कि 35-40 वर्ष पूर्व यहाँ न तो कोई भवन था तथा न ही कोई भव्य गेट था। बस था तो चारों ओर बियाबान अरण्य। जिमें शेर-हाथी आदि स्वछन्दता से विचरण किया करते थे।

वर्ष में एक बार यहाँ शिवरात्रि का भव्य मेला लगता है। जो 8 दिनों तक चलता है। उन दिनों इस मन्दिर में पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है।

"माँ-पूर्णागिरि" के दर्शनों के लिए जाने वाले दर्शनार्थियों के लिए साल में दो बार नवरात्रों में यहाँ अनवरतरूप से भण्डारा भी चलाया जाता है।
यदि कभी आपका कार्यक्रम चम्पावत, लोहाघाट, पिथौरागढ़ या पश्चिमी नेपाल के नगर "महेन्द्र-नगर" जाने का बनता है तो आप इस विलक्षण शक्ति-पीठ "श्री वनखण्डी महादेव" के दर्शन करना न भूलें।
यह दिल्ली से 350 किमी. बरेली से 100 किमी और मुरादाबाद से 200 किमी की दूरी पर कैलाश-मानसरोवर वाले पिथौरागढ़ मुख्य मार्ग पर है।

14 comments:

  1. इस जानकारी के लिए शुक्रिया शास्त्री जी !

    ReplyDelete
  2. बहुत बढिया जानकारी !!

    ReplyDelete
  3. shastri ji,
    aapne mujhe ek target de diya hai.
    is sonvar 9 november ko main wahi jata hu.

    ReplyDelete
  4. बहुत बढिया जानकारी,आभार शास्त्री जी,मेरा मो फ़ोन नम्बर 09827138888,09425203182।

    हमने भी इस दिशा म सोचा है और पाब्ला जी छत्तीसगढ के ब्लागरो के बारे मे जानकारी जमा करने के लिये तैयार भी हो गये हैं,अगर हमारे पास ऐसी जानकारी जमा होती है तो सीधे आपको ट्रांसफ़र कर देंगे।बहुत अच्छी कोशिश है ये इसकी सफ़लता की कामना करता हूं॥

    ReplyDelete
  5. इतनी अच्छी जानकारी के लिए बहु बहुत धन्यवाद !!

    ReplyDelete
  6. बहुत ही अच्‍छी एवं ज्ञानवर्धक प्रस्‍तुति के लिये आभार ।

    ReplyDelete
  7. बढ़िया व ज्ञानवर्धक जानकारी है।आभार।

    ReplyDelete
  8. bahut hi badhiya jankari di .......shukriya.

    ReplyDelete
  9. Mai apna cell no tatath pata zaroor bhejungi..
    Mandir ke sirf 'tiles' achhe nahee lage....kaash wahan natural patthar hote..

    ReplyDelete
  10. अच्छी जानकारी दी आपने....हिमाचल के काँगडा जिला में भी एक "वनखंडी" नामक अति प्राचीन सिद्धपीठ है ।

    ReplyDelete
  11. जानकारी के लिए शुक्रिया

    ReplyDelete
  12. इस अच्छी जानकारी के लिए आभार, शास्त्री जी.

    ReplyDelete
  13. बहुत ही अच्‍छी एवं ज्ञानवर्धक प्रस्‍तुति के लिये आभार ।



    संजय कुमार
    हरियाणा
    http://sanjaybhaskar.blogspot.com

    ReplyDelete

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथासम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।