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Thursday 21 July 2011

"खटीमा मॉर्निंग में साहित्यिक गोष्ठी की धूम!" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

खटीमा मॉर्निंग में साहित्यिक गोष्ठी की धूम!
अब यह 1 मिनट का वीडिओ देखिए!
साहित्य शारदा मंच खटीमा के बैनर तले एक कविगोष्ठी का आयोजन किया गया!
साधना न्यूज चैनल द्वारा इसकी कवरेज दिखाई गयी!
आयोजक-डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक"

खटीमा (उत्तराखण्ड) में वर्षा ऋतु के स्वागत में
सावन के प्रथम दिन राष्ट्रीय वैदिक विद्यालय में
एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया!
गोष्ठी का शुभारम्भ और अतिथियों का स्वागत किया गया!
गोष्ठी की अध्यक्षता रामनगर नैनीताल के पधारे
शायर सगीर अशरफ ने की,
मुख्यअतिथि- कवि एवं साहित्यकार अशोक् कुमार भट्ट
(अ.पुलिस अधीक्षक-ऊधमसिंहनगर) तथा
विशिष्ट अतिथि- मा. पुष्कर सिंह धामी
(राज्यमन्त्री-उत्तराखण्ड सरकार) थे।
जिसका संचालन कवि देवदत्त प्रसून" किया!
इसके पश्चात अतिथियों के द्वारा
माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण
एवं दीप प्रज्वलन किया गया।
गोष्ठी का शुभारम्भ देवदत्त प्रसून की सरस्वती वन्दना से हुआ।
खटीमा राजकीय महाविद्यालय के हिन्दी विभागाध्यक्ष
डॉ. सिद्धेश्वर सिंह ने अपना काव्य पाठ किया-
आइए इक ख़त लिखें हम जिन्दगी के नाम।
उम्र की ना-आशना आवारगी के नाम।।"
तत्पश्चात राजकीय इंटर कॉलेज में हिन्दी के प्राध्यापक
डॉ. गंगाधर राय ने राजनीतिक परिपेक्ष्य में चुटकी लेते हुए कहा-
सत्ता की कुर्सी पर बैठकर तुमने
लिया है मामा कंस का अवतार।
इसलिए प्रजातन्त्र को
कर दिया है तुमने तार-तार।।
राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत सरस पायस के सम्पादक
ने अपने काव्य पाठ में नवगीत का स्स्वर पाठ किया।
हास्य व्यंग्य के कवि गेंदालाल शर्मा निर्जन ने कहा-
सारे देश में घूम के देखो बेईमानों का ढेर है,
कर्णधार जो देश के वो चिकनी मिट्टी के शेर हैं।
प्रवीण सिंह प्रजापति ने ने भी हास्य का शमा बाँधते हुए कहा-
मैं दीवानी ढूँढता हूँ, मैं दीवाना हूँ,
मैं दीवानी ढूँढती हूँ, मैं दीवानी हूँ,...
--
पीलीभीत से पधारे गजलकार राम किशोर शर्मा ने कहा-
आ स्वयं दिवाकर सन्धि करे,
कल का फिर प्रातनहीं होगा.....
पीलीभीत से ही पधारे ओज के कवि पुष्पेन्द्र शर्मा दीप ने कहा-
हर दफा ये कमाल होता है,
सबके दिल को मलाल होता है....
पीलीभीत के सिद्धकवि जीतेश राज ने
अपनी ग़ज़ल पेश करते हुए कहा-
जरा मुट्ठी में सारा जहान भरते हैं!
ये मन के पंछी भी कैसी उड़ान भरते है....
खटीमा के प्रख्यात चिकित्सक डॉ. चन्द्र शेखर जोशी ने कहा-
मेरे बगल के खेत में एक मकान उग आया है,
पड़ोसी का कबूतर फिर, नमकीन-बिस्कुट चुग आया है....
किच्छा से पधारे शायर नबी अहमद मंसूरी ने कहा-
नियामत है ये खुदा की
कहीं बारिश कही कहर है....
रूमानियत के शायर
गुरू सहाय भटनागर बदनाम ने कहा
देश पर फिदा जानो तन कर गये,
जान देकर भी रौशन यहाँ कर गये
सितारगंज से पधारे शायर यूनुस मलिक ने कहा-
तिफ्ल जो मुफलिसी में पलते हैं,
वो खिलौनों को कब मसलते हैं....
लालकुँआ नैनीताल से पधारीं
शैलसूत्र पत्रिका की सम्पादिका श्रीमती आशा शैली ने कहा-
बस परिन्दों की तरह नजर आते हैं लोग
जिन्दगी की राह मैं ऐसे भी मिल जाते हैं लोग...
युवा कवि कमलेश भट्ट ने कहा-
कल हम न होंगें तो क्या हमें याद करोंगे,
अगर याद करोगे ते हमें पास कहाँ पाओगे?....
संचालक देवदत्त प्रसून ने कहा-
बात हमारी तुमको अच्छी नहीं लगी
सच्ची थी लेकिन वो तुमको अच्छी नहीं लगी....
गोष्ठी के आयोजक डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने कहा-
बड़ी हसरत दिलों में थी गगन में छा गये बादल!
हमारे गाँव में भी आज चलकर आ गये बादल!!
मुख्य अतिथि कवि एवं साहित्यकार अशोक् कुमार भट्ट ने कहा-
सफलताओं ने दिये मुझे सिर्फ ठहराव।
रही घाट में बँधी वह कैसी नाव…”
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि मा. पुष्कर सिंह धामी
(राज्यमन्त्री-उत्तराखण्ड सरकार) ने अपने उद्बोधन में कहा
कि यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे आज
खटीमा और सुदूर स्थानों से पधारे कवियों की
रचनाओं का रसास्वादन करने का अवसर मिला।
इस अवसर पर उन्होंने अपने छात्र जीवन में लिखी
रचना का पाठ करते हुए कहा-
स्वतन्त्रता के प्रेमी की अम्बर के आगे सीमा है,
उसकी क्षमता के आगे तूफान बहुत ही धीमा है!
गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे शायर सगीर अशरफ ने कहा-
जो बच्चे कूड़े में रोज़ी तलाश करते हैं,
मैं उनमें कोई सिकन्दर तलाश करता हूँ!
अन्त में-
मुख्यअतिथि कवि एवं साहित्यकार अशोक् कुमार भट्ट
(अ.पुलिस अधीक्षक-ऊधमसिंहनगर) को
साहित्य शारदा मंच के अध्यक्ष डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने
संस्था के सर्वोच्च सम्मान साहित्य श्री से अलंकृत किया,
जिसे विशिष्ट अतिथि मा. पुष्कर सिंह धामी
(राज्यमन्त्री-उत्तराखण्ड सरकार) के
कर कमलों से प्रदान किया गया!
आभार दर्शन करते हुए आयोजक डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री मयंक ने
सभी को हरेला और शब्बेबारात की शुभकामनाएँ भी प्रेषित कीं!