खटीमा में डॉ. विद्यासागर कापड़ी (पशुचिक्त्साधिकारी) के निवास पर
एक कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया!
सबसे पहले साहित्य शारदा मंच के अध्यक्ष
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" ने
माँ सरस्वती के चित्र के सामने
दीप प्रज्वलन कर गोष्ठी का शुभारम्भ किया!
इस अवसर पर डॉ. विद्यासागर कापड़ी ने
माँ सरस्वती की वन्दना कर अपना काव्यपाठ किया!
इन्होंने नेताओं पर शानदार सवैय्या सुना कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया!
रूमानीशायर गुरू सहाय भटनागर ने इस अवसर पर
देशभक्ति से ओत-प्रोत एक गजल के साथ
शृंगार की भी कुछ रचनाओं का पाठ किया!
राज किशोर सक्सेना "राज" ने
वर्तमान स्थिति पर काव्यपाठ करते हुए
समाज में पनप रहे नंगेपन पर कटाक्ष किये!
डॉ.चन्द्रशेखर जोशी ने अपनी अलग शैली में
सीक से हटकर कुछ धारदार व्यंग्य सुनाए!
गोष्ठी का संचालन कर रहे हिन्दी प्राध्यापक डॉ.गंगाधर राय ने
बढ़ती मँहगाई को लेकर अपनी रचना का वाचन किया!
अन्त में गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" ने अपनी चिर-परिचित तुकान्त शैली में
अपने ताजा बालगीत और कुछ रचनाओं का पाठ किया!
इस अवसर पर डॉ.विद्यासागर कापड़ी ने सभी रचनाधर्मियों का आभारदर्शन किया!