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Friday 14 January 2011

"यू-ट्यूब पर मेरी कविताएँ" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

खटीमा में 8 जनवरी की रात्रि में हुई कवि गोष्ठी में 
सम्पर्क कट जाने से यह क्लिप कट गई थी 
मगर मेरे बड़े पुत्र नितिन ने इसे मोबाइल में रिकॉर्ड कर लिया था! 
आज इसे यू-ट्यूब पर लगा रहा हूँ





यू ट्यूब का लिंक यह है!
http://www.youtube.com/watch?v=p2CGrsXXOBM

8 comments:

  1. वाह वाह जी मजे दार.हमे तो ललित जी याद आ गये आप का कविता पाठ सुन कर. धन्यवाद

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  2. आपाधापी में निष्ठा के तार बदल जाते हैं। अहा क्या बात है शास्त्री जी। बहुत ख़ूब कहा, नौका खेने वाले खेवनहार बदल जाते हैं। वाह वाह। खटीमा के सफल आयोजन के लिए वहाँ उपस्थित सभी ब्लॉगर्स और साहित्य विभूतियों को हमारी ओर से बधाइयाँ और मकर संक्रांति पर्व पर शुभकामनाएँ। नितिन भाई को बहुत बहुत धन्यवाद इस सुखद कैमराकैद के लिए। उनका मोबाइल कैमरा बड़ा उम्दा है क्योंकि बहुत साफ़ और अच्छी शूटिंग हुई। आभार इस क्लिप के लिए।

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  3. काव्य पाठ सुनना अच्छा लगा।

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  4. अच्छा लगा , कविता भी और सम्मलेन की तैयारी भी ....

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  5. कंगाली में आटा गीला , भूख बहुत लगती है । वाह , वाह शास्त्री जी , क्या बात कही है ।
    रिकोर्डिंग भी बहुत साफ़ है ।
    आनंद आ गया सुनकर और देखकर ।

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  6. यू टयूब पर कवि‍ता अपलो
    ड करने की प्रेरणा मि‍ली। धन्‍यवाद।

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  7. bahut sundar ShastriJi. APke blog se kafi prerna milti hai.

    --- मयंक मिश्र

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