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Wednesday, 27 May 2009

"साफ-सुथरी छवि वाले धराशायी"


मेजर जनरल भुवनचन्द्र खण्डूरी जी!

जनता ने बड़े अरमान से आपको उत्तराखण्ड की कमान सौंपी थी।

काश्! आपने कुछ काम किया होता तो यह दुर्दशा नही होती।

सच पूछा जाये तो शिक्षित बेरोजगारों की हाय लग गयी

उत्तराखण्ड में भा.ज.पा. को।

आप आत्म-मन्थन करें।

स्वच्छ छवि वाले फौजी प्रशासक भ्रष्टाचार पर अंकुश नही लगा पाए।

आप जनता की आशाओं पर खरा नही उतर सके।

बस इतना ही-
(चित्र गूगल सर्च से साभार)

1 comment:

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