समर्थक

Monday 24 August 2009

‘‘भाद्रपद मास में दूज’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक)


भाद्रपद मास में दूज के दिन उत्तर प्रदेश के जिला बिजनौर और मुरादाबाद में गाँवों और शहरों में एक मेले का आयोजन होता है।
इसमें बुड्ढा बाबू की पूजा की जाती है। कढ़ी, साबुत उड़द, चावल, रोटी, पुआ, पकौड़ी और हलवा आदि सातों नेवज घर में बनते हैं। बुड्ढा बाबू को भोग लगा कर प्रसाद के रूप में घर के लोग भी इस भोजन को ग्रहण करते हैं।
इसके बाद मेले में बुड्ढा बाबू के थले पर जाकर प्रसाद चढ़ाया जाता है। मान्यता है कि दाद, खाज, कोढ़ आदि के रोग भी यहाँ प्रसाद चढ़ाये जाने से ठीक हो जाते हैं।
हल्दौर कस्बे में तो दोयज का बहुत बड़ा मेला लगता है जो 10 दिनों तक चलता है।
दोयज के दिन मेले में जाने पर सबसे पहले आपको बाल्मीकि समाज के लोग सूअर के बच्चों को बाँधे हुए बैठे मिल जायेगें। वे टीन के कटे हुए छोटे-छोटे को दाद-फूल के रूप में देते हैं। जैसे ही आप उनसे ये दाद फूल खरीदेंगे, वे आपको इस दाद फूल के साथ सूअर के बच्चे के कान के बाल चाकू से नोच कर इन दाद-फूल के साथ दे देंगे।
यही प्रसाद आप बुड्ढा बाबू के थले पर जाकर चढ़ा देंगे।
ये नजारा खासकर छोटे बालकों को बहुत सुन्दर लगता है।
सूअर का कान नोचा जायेगा तो वो चिल्लायेगा और बच्चे इसका आनन्द लेंगे।

18 comments:

  1. बहुत शानदार जानकरी. पहली बार मुझे इस मेले और उसके रिवाज़ों की जानकारी मिली. साधुवाद.

    ReplyDelete
  2. पहली बार ये बात पता चली ..लेकिन मनमे आया ,' बेचारा सूवर !' उसे क्यों तकलीफ पहुचाई जाय !

    ReplyDelete
  3. शास्त्री जी आपका हार्दिक आभार इस अनोखे मेले जानकरी देने हेतु.
    पर इस बार लोगों को जरा हिदायत से त्यौहार मानाने को कहियेगा कारण कि स्वाइन फ्लू जो फ़ैल रहा है और यंहा तो बेचारे सूअर देव के ही कान पकडे जायेंगें....................

    ReplyDelete
  4. BUDDHA BABU KA MELA MEERUT KE SARADHNA ME BHI LAGTA HAI OR KAI-KAI DIN TAK CHALTA HAI.

    ReplyDelete
  5. अब मेले-जातरा सब बीते युग की बातें लगती हैं। उन मेलों में मिट्टी के खिलौने, कागज़ की घूमती फिरकी, धागे की डोर से बंधी घूमती मछली....आपने बचपन की याद दिला दी।

    ReplyDelete
  6. इस अनोखे मेले के बारे में जानकारी के लिए आपका आभार।।
    ये मेले इत्यादि ही तो अपनी लोकसंस्कृ्ति का आधार रहे हैं।

    ReplyDelete
  7. Lok parampra ki achchhi jankari dene ke lye apko sadhubad. insab jankarion se lagta hai ki bharat vividhtaon ka desh hai.

    ReplyDelete
  8. achchi jankari pradan ki.........dhanyavaad.

    ReplyDelete
  9. पहली बार ये बात पता चली
    इस अनोखे मेले जानकरी देने हेतु आपका आभार


    ********************************
    C.M. को प्रतीक्षा है - चैम्पियन की

    प्रत्येक बुधवार
    सुबह 9.00 बजे C.M. Quiz
    ********************************
    क्रियेटिव मंच

    ReplyDelete
  10. ग़ज़ब की मान्यताएं हैं हमारे देशवाशियों की.
    हम इन ढकोसलों से कब बाहर निकलेंगे ?

    ReplyDelete
  11. अच्छी जानकारी शास्त्री जी !
    धन्यवाद !

    ReplyDelete
  12. नई बात जानने को मिली! अच्छी जानकारी देने के लिए धन्यवाद!

    ReplyDelete
  13. शास्त्री जी ,
    मैंने तो निरे मज़ाक में कह दिया ..आप क्षमा माँगे , ये तो मेरे लिए शर्म की बात होगी.....आप हर मायनेमे मुझसे बड़े और अनुभवी हैं ..!
    आगे आगे देखें, क्या होता है ...यहाँ अबला से आगे की कहानी है ..वो मोड़ भी आही जाएगा ! एक किसी की ज़िंदगानी है ,जो जैसा हुआ वैसा ही लिखा जा रहा है ..यक़ीन माने ! समाज से ली हुई टक्कर के अंजाम भी हैं..

    ReplyDelete
  14. अच्छी जानकारी है यह.

    ReplyDelete
  15. अच्छी प्रस्तुति....बहुत बहुत बधाई...

    ReplyDelete
  16. जानकारी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद..

    ReplyDelete

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथासम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।