आज हम भारतवासी स्वतन्त्रता-दिवस की 63वीं वर्ष-गाँठ मना रहे हैं। 60 वर्ष के पश्चात मनुष्य वरिष्ठता की श्रेणी में आ जाता है। हमारा आजादी का यह पर्व भी वरिष्ठता के दौर में प्रवेश कर चुका है। विगत 25 वर्षों से स्थानीय तहसील और परगना-न्यायालय के परिसर में मेंरे विद्यालय (राष्ट्रीय वैदिक पूर्व माध्यमिक विद्यालय, खटीमा) के बालक राष्ट्र-गान गाने के लिए अनवरत रूप से राष्ट्रीय पर्वों पर जाते हैं। लेकिन इस बार नजारा बदला-बदला था। झण्डारोहण स्थल काफी ऊबड़-खाबड़ था। जगह-जगह पानी भरा था। स्थानीय तहसीलदार से इस बाबत मैंने पूछा तो उन्होंने जवाब दिया- ‘‘ अब हमें यहाँ रहना ही नही है। कुछ महीने बाद तहसील नये भवन में चली जायेगी।’’ क्या अर्थ लगाया जाये इस बात का। यानि नये की आशा में हम अपने पुराने घर में झाड़ू लगाना और साफ-सफाई ही बन्द कर दें। इस बाबत एक व्यक्ति ने चुटकी ली कि साहब रिश्वत तो आजकल तहसील में चरम सीमा पर है। नये भवन में जाकर ही रिश्वत भी ले लेना। तब तक यह भी बन्द कर दो ना। इसके बाद स्थानीय पेपर मिल में इस विद्यालय के बालक मेरे साथ 15 अगस्त की परेड में गये। दर-असल मुझे इस कारखाने से विशेष लगाव है। वो इसलिए नही कि ये मेरे मित्र श्री राकेश चन्द्र रस्तोगी का संस्थान है, बल्कि इसलिए कि इन्होंने इसका नाम खटीमा के नाम से खटीमा फाइबर्स रखा है। देश-विदेश में मेरे नगर का नाम रोशन किया है। यहाँ स्वतन्त्रता दिवस की परेड देखने लायक थी। जिसमें ध्वजारोहण फैक्ट्री के प्रबन्ध निदेशक एवं अध्यक्ष आर0सी0 रस्तोगी ने किया। इसके बाद विद्यालय के छात्रों द्वारा देश-भक्ति से ओत-प्रोत एक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर आर0सी0 रस्तोगी ने अपने कर्मचारियों और अधिकारियों को विस्तार से बताते हुए अपना सन्देश दिया। 94 वर्षीय श्री आनन्द प्रकाश रस्तोगी ने अपने वक्तव्य में सभी को स्वतन्त्रता दिवस की बधाई दी। समारोह में अन्य पिछड़ा वर्ग आयोग, उत्तराखण्ड सरकार के पूर्व सदस्य डा0 रूपचन्द्र शास्त्री ने अपने वक्तव्य में कहा कि आज यदि हम विकास के जिम्मेदार हैं तो जीवन में नैतिक मूल्यों के पतन के भी हम ही जिम्मेदार हैं। स्वतन्त्रता-दिवस तभी सार्थक होगा जब कि हर नागरिक अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन ईमानदारी से करे। इस अवसर पर उद्योगपति पी0एन0 सक्सेना, कारखाने के उपाध्यक्ष अचल शर्मा, मुकेशचन्द्र रस्तोगी आदि ने भी अपनी शुभकामनाएँ प्रेषित की। अन्त में विद्यालय के छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। |
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Saturday, 15 August 2009
खटीमा मे स्वतन्त्रता-दिवस (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई।
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteवास्तव में स्वतंत्रता दिवस का उत्साह तो बच्चों के साथ मानाने में ही आता है
ReplyDelete" मेरी जान रहे ना रहे ,
ReplyDeleteमेरी माता के सरपे ताज रहे "
आपके ख़यालात की बेहद इज्ज़त करती हूँ..क्या आपको एक बिनती कर सकती हूँ?
"एक सवाल तुम करो" इस ब्लॉग पे आप कभी कबार आपके मनको छू गई हो ऐसी घटना, या मनके करीब हो ऐसा वाक़या लिख सकते हैं? हमारी हौसला अफ़्ज़ायी होगी और हमें एक दिशा भी मिलेगी.....! ये ब्लॉग पूर्णतया समाज/देश को अर्पित है।
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ReplyDeleteshama
sundar prastuti.
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा, सारा दृश्य देखकर!
ReplyDeleteapne school ki yaad aa gayi shastri ji...
ReplyDeleteasja kiya aapne share kiya...
Apko swatantrata ki badhai de raha hoon. Apne zeewant tasvir lagai hai.Bachchon ko dher sara pyar
ReplyDeleteबहुत पसंद आया मुझे आपने इतने सुन्दर रूप से तस्वीरों के साथ विस्तार करके लिखा है जो प्रशंग्सनीय है!
ReplyDeleteस्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई!
ReplyDeleteआपके लेख और सम्बंधित तस्वीरों में देश भक्ति की भावना साफ़ झलक रही है. स्वतंत्रता दिवस की बधाई स्वीकारें.
ReplyDeleteशास्त्री जी,
ReplyDeleteबहुत अच्छी प्रस्तुति. स्वतंत्रता दिवस पर हार्दिक बधाई!
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