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Tuesday 18 August 2009

"खटीमा में बाढ़" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")


लो भाई! "खटीमा में बाढ़" आ ही गई।
१३ अगस्त,२००९ का दृश्य


१८ अगस्त,२००९ का नज़ारा

कल तक तो सूखे की मार झेल रहे थे। १३ अगस्त से उमड़-घुमड़ कर बादल आ गये। बारिश बरसने लगी। मन को तसल्ली मिली।
पाँच दिनों से लगातार पानी गिर रहा है।
१८ अगस्त,२००९ का नज़ारा
अब तो ऐसा लग रहा है जैसे कि आसमान में छेद हो गया है।
उत्तराखण्ड का खटीमा शहर जलमग्न हो गया है। बाढ़ का पानी ८० प्रतिशत् घरों में घुस चुका है। खाना पकाने तक के लाले पड़ गये हैं।
अभी भी बादल छँटने के आसार नहीं लग रहे हैं।
प्रकृति की इस मार के आगे सब लाचार हैं।
इन्द्र-देवता अब तो बस करो!

15 comments:

  1. बहुत चिन्ताजनक स्थिती है भगवान करे जल्दी बादल थम जायें हम लोग बारिश के इन्तज़ार मे हैं बाकी के हमारे यहाँ बरस जायें शुभकामनायें

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  2. प्रकृति के रंग कोई नही जानता यहाँ बाढ़ आ रही है और कुछ जगह ऐसे है जो सूखे की मार अब भी झेल रहे हैं,
    भगवान जल्द की खटीमा के लोगो को इस आपदा से राहत दे.

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  3. बहुत विकट स्थिति है.. इंद्रदेव को हर जगह पर संतुलन रखना चाहिए..

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  4. लगता है बारिश के लिये सभी ने बहुत मिन्नत की है तभी तो इन्द्र देवता छ्प्पर फ़ाड कर बारिश का कहर ढा रहे हैं...

    कहीं सूखा और कहीं बाढ... हे ईश्वर सब का ख्याल रखना

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  5. बधाई हो आपके इलाके में बारिश हो गया हम तो प्यासे मर रहें हैं

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  6. ab kaisi sthiti hain vahan ki? baarish yahaan bhi hui lekin itani nahi. kabhi baadh kabhi sookha...

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  7. oh.........kaisi bhayavah sthiti ho gayi hogi.........halat bahut hi chintajanak ho gaye honge...........bhagwan se prarthna hai ki sab jaldi hi thik ho jaye.

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  8. पहले बारिश के लिये परेशान थे....अब बाढ से त्रस्त.......है.

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  9. 19 अगस्‍त तक झेलिए .. उसके बाद कुछ कम हो जाएगा।

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  10. इन्द्र देव आजकल काम ठीक नहीं कर रहें है.. मुझे दुःख है इस बात का

    http://som-ras.blogspot.com

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  11. लगता है इन्द्रदेव खटीमा पर कुछ जादा ही प्रसन्न है . वास्तव में इन्द्रदेव की कार्यशैली कुछ इस साल बदली सी नजर आ रही है कही प्रसन्न है तो कही कही न बरस कर अपनी अप्रसन्नता व्यक्त कर रहे है बहुत चिन्ताजनक स्थिती है.

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  12. इधर हम आसमान की और तक रहे है इन्द्र देव कृपा ही नहीं कर रहे है अजब है राम तेरी माया कही धुप कहीं छाया |

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  13. स्थिति तो सचमुच भयावह है। आपने काफी मेहनत करके इन सूचनाओं को एकत्रित किया होगा। ठीक एक साल पहले कोसओ का इससे भी भयावह ताण्डव हमलोगों ने देखा था। उसी क्षेत्र का निवासी हूँ तो जरा नजदीक से देखा और निम्न रचना बन पड़ी थी।

    http://manoramsuman.blogspot.com/2008/09/blog-post_03.html


    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com
    shyamalsuman@gmail.com

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  14. इस पोस्ट पर पर मईं यह तो नहीं कह सकता कि 'बहुत बढ़िया ' या 'आभार' क्योंकि घायल की गति घायल जाने. हाँ, आपने बाढ़ की भयावहता को देश - दुनिया तक पहुंचाया, यह अच्छी बात है.एक ही ग्राम सभा में रहते हुए भी बाढ़ ने तो हमारे और आपके घर के बीच पानी की दीवार खींच दी थी, अब राहत है और कल शाम से ( तीन दिनों के बाद ) बिजली भी आ गई है, खैर मनाइए.

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