टूटते सितारों की उड़ान
सत्यम् शिवम् ब्लॉगिस्तान की दुनिया में एक ऐसा युवा चेहरा है जिसने अपनी लेखनी के बल पर हिन्दी ब्लॉगिंग में अपनी एक पहचान बनाई है। ये पेशे से अभियन्ता हैं लेकिन शब्दों को भी इन्होंने अपने अभियन्त्रण से नियन्त्रित किया है।
स्वार्थी दुनिया में लोग अपनी कृतियों को ही प्रकाशित करा कर सुख का अनुभव करते हैं लेकिन इन्होंने निःस्वार्थभाव से हिन्दी ब्लॉगिंग के जाने माने बीस रचनाधर्मियों की रचनाओं को एक पुस्तक के रूप में प्रकाशित कराया है। इस काव्य संकलन को इन्होंने नाम दिया है “टूटते सितारों की उड़ान”।
जब इन्होंने मुझसे इस विषय में चर्चा की तो मैं चौंका कि 20 कवियों की काव्य माधुरियों के संकलन का नाम “टूटते सितारों की उड़ान” क्यों रखा गया है। लेकिन मंथन करने के बाद समझ में आया कि इसका शीर्षक बिल्कुल सही रखा गया है। क्योंकि सितारों की किस्मत ही टूटना रही है। और हो भी क्यों नहीं। अन्तर्जाल पर झिलमिलाते सितारों की उडान कब थम जाए कोई नहीं जानता है। मैंने अपने तीन वर्षों के अनुभवों से यही तो सीखा है!
दो सौ आठ पृष्ठों के इस काव्य संग्रह को उत्कर्ष प्रकाशन, मेरठ ने प्रकाशित किया है। जिसका ISBN 978-81-921666-4-3 है और इसका सम्पादन इं. सत्यम् शिवम् द्वारा किया गया है। यह पेपर बैक संस्करण हैं जिसका मूल्य मात्र 251रुपये रखा गया है।
सम्पादक ने अपनी बात में कहा भी है –
"जीवन संघर्ष का दूसरा नाम है और काव्य सृजन संघर्षरत मन की व्यथा के उदगार....।"
"आज के परिवेश में लोग ऐसा सोचने लगे हैं, जितना ज्यादा दिखावा उतना ज्यादा फायदा। पर इस सन्दर्भ में मेरा सोचना अलग है। मैं ऐसा सोचता हूँ कि जो वाकई सुन्दर है, उत्कृष्ट है उसकी सुन्दरता तो शाश्वत है।.......क्योंकि सफलता कुछ और नहीं बस आत्म संतुष्टि है।"
सम्पादक आगे कहता है कि-
"मैं तुम्हारे रंग में अब रंग गया हूँ,
संग तेरे ही तुझी में ढल गया हूँ।
कौन सी पहचान मेरी कौन हूँ मैं?
तुम हो मेरे या मैं तेरा हो गया हूँ।।".....
"जिसके कारण मैं आज “टूटते सितारों की उड़ान” काव्य का संपादन कर रहा हूँ। बड़ी ही मशक्कत और तल्लीनता के साथ मैंने 20 भावप्रधान कवियों को इस काव्य संग्रह के लिए चुना है। जिनकी भावनाएँ दिल पर गहरा असर करती हैं...।"
"टूटते सितारों की उड़ान" में जिन बीस कवियों की काव्य माधुरियों को स्थान दिया गया है वे हैं-
1- राज शिवम्
2- संगीता स्वरूप
3- रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
4- दर्शन कौर धनोए
5- वन्दना गुप्ता
6- अशोक शुक्ला
7- गौरव 'सुमन'
8- बब्बन पाण्डेय
9- माहेश्वरी कानेरी
10- नीरज द्विवेदी
11- लक्ष्मी नारायण लहरे 'साहिल'
12- साधना वैद
13- दिव्येन्द्र कुमार 'रसिक'
14- विभोर गुप्ता
15- नील कमल वैष्णव 'अनिश'
16- सुषमा 'आहुति'
17- उदयवीर सिंह
18- प्रदीप कुमार साहनी (दीपक)
19- सत्यम् शिवम्
अन्त में मैं इस संकलन के बारे में इतना ही कहूँगा कि यह एक पठनीय और संग्रहणीय काव्य संग्रह है।
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
टनकपुर-रोड, खटीमा
जिला-ऊधमसिंहनगर (उत्तराखण्ड)
ई-मेल- roopchandrashastri@gmail.com
वेब साइट- http://uchcharan.blogspot.in/
फोन/फैक्स- 05943-250207, 05943-250129
Mobiles:
09368499921,
09997996437, 07417619828
सभी शामिल कवियों को बधाई!
ReplyDeleteशुभकामनाएं!
badhai :)
ReplyDeleteसभी शामिल कवियों को बधाई!
ReplyDeleteशुभकामनाएं!
बहुत सुन्दर समीक्षा की है |
ReplyDeleteसभी शामिल कवियों को हार्दिक बधाई |
संपादक जी को भी |
आशा
बढ़िया प्रस्तुति |
Deleteहार्दिक बधाई ||
हार्दिक बधाई ||
ReplyDeleteबहुत अच्छा प्रयास है । अब कवियों को अभिव्यक्ति के साथ प्रकाशन का भी लाभ मिल रहा है । बधाई ।
ReplyDeleteBahut badhiya sameeksha tatha jaankaaree!
ReplyDeletemubarkaan!
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार शास्त्री जी...बड़ी ही सुंदर समीक्षा की है आपने।
ReplyDeleteBahut Bahut Abhar ... शास्त्री जी
ReplyDelete" टूटतें सितारों की उड़ान "
ReplyDeleteसभी शामिल कवियों एवं कवित्रियों को मेरी हार्दिक बधाई साथ ही रोचक ढंग से समीक्षा करने पर शास्त्री जी, आपको भी बधाई .
मीनाक्षी श्रीवास्तव
" टूटतें सितारों की उड़ान "
ReplyDeleteसभी शामिल कवियों एवं कवित्रियों को मेरी हार्दिक बधाई साथ ही रोचक ढंग से समीक्षा करने पर शास्त्री जी, आपको भी बधाई .
मीनाक्षी श्रीवास्तव
बधाई आपको भी और शिवम् जी को भी .....
ReplyDeleteइस उड़ान के लिए .....:))
सटीक नाम और सटीक उड़ान ! सत्यम की पहली कोशिश काबिले तारीफ हैं और आपकी समीक्षा भी प्रशंशनीय हैं ...मुझे ख़ुशी हैं की मैं भी इस श्रंखला में मौजूद हूँ ...सभी कविगण को बधाई हो !
ReplyDeleteबहुत सुन्दर समीक्षा की है |सभी को हार्दिक बधाई…………सत्यम ने निस्वार्थ भाव से जो कार्य किया है वो बेहद सराहनीय है ऐसा करना आसान नही था कि इतनी छोटी उम्र मे ब्लोगजगत के कवियों को एक ही संकलन मे इस तरह समेटा हो .......... ईश्वर उसे सफ़लता प्रदान करता रहे ।
ReplyDeleteसत्यम शिवम जी को...और माननीय बीस कवियों को हार्दिक बधाई...मयंक शास्त्री जी का हार्दिक आभार कि उन्होंने यह खुश खबर हम तक पहुंचाई!
ReplyDeleteyah bahut sarthak prayas hai...
ReplyDeleteअरे मेरा कमेंट कहाँ गया? कहीं स्पैम मे तो नही है देखियेगा शास्त्री जी। आपने बहुत सुन्दर समीक्षा की है ……सत्यम ने जो काम इतनी छोटी उम्र मे किया है वो लोग उम्र बीतने तक भी नही कर पाते …………सभी को निस्वार्थ भाव से एकत्र करके एक माला मे पिरोना एक बेहद उम्दा और सराहनीय कार्य है …………सत्यम और सभी कवियों को बधाई …………ईश्वर सत्यम को इसी प्रकार आगे बढने मे सहायक हो और उसके हर कार्य मे उसे सफ़लता दे यही कामना करतीहूँ । एक बेहद उम्दा और प्रशंसनीय कार्य के लिये सत्यम को बधाई और आपका आभार ।
ReplyDeleteवन्दना जी!
Deleteआपका कमेंट स्पैम में था अब प्रकाशित हो गया है!
बहुत बहुत बधाई....
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन और प्रशंसनीय प्रस्तुति....
ReplyDeleteइंडिया दर्पण की ओर से नव संवत्सर व नवरात्रि की शुभकामनाए।
दोनों पक्षों को बधाई।
ReplyDeleteयह हुई न बात। वाह! बहुत बधाई। शैलेश भारतवासी (हिंद युग्म) के बाद यह प्रयास कवियों को प्रफुल्लित करने वाला है।
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