समर्थक

Saturday 26 June 2010

“वो दन्तुरित मुस्कान : नागार्जुन”

बाबा नागार्जुन के 

जन्म शताब्दी समारोह प्रारम्भ

जेठ मास की पूर्णिमा को बाबा नागार्जुन के जन्म-दिवस के अवसर पर 
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक” के निवास पर 
एक वैचारिक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
image
सबसे पहले डॉ. सिद्धेश्वर ने बाबा के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला -
IMG_1534
इसके बाद रावेन्द्र कुमार रवि ने 
बाबा के गीत “मेघ बजे” को गाकर सुनाया –
IMG_1553 “धिन धिन धा धमक धमक मेघ बजे!”
फिर कैलाश चन्द्र लोहनी ने 
अपना संस्मरण सुनाते हुए बताया 
कि मुझे बाबा की कविताएँ कक्षा में 
पढ़ाने के लिए पढ़नी पड़ीं, 
तब मुझे बाबा का व्यक्तित्व समझ में आया -
IMG_1529
सतपाल बत्रा ने बाबा की रचना 
“अन्न पचीसी के दोहे” का वाचन किया -
IMG_1538
डॉ. गंगाधर राय ने बाबा की 
निर्धनता की महानता से संबंधित संस्मरण प्रस्तुत किया -
IMG_1543
डॉ. विद्यासागर कापड़ी ने बाबा की कविताओं के शीर्षकों को एक कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया - 
IMG_1544
कमलेश जोशी ने बाबा की बहुत चर्चित कविता
“गुलाबी चूड़ियाँ” सुनाई, 
जो बाबा ने एक ड्राइवर द्वारा बस में लटकाई गई 
उसकी सात साल की बेटी की चूड़ियों से 
प्रेरणा पाकर लिखी थी -
IMG_1545
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक” ने बाबा के साथ गुजारे गए दिनों की यादें अपने संस्मरणों के माध्यम से प्रस्तुत कीं -
IMG_1549
देवदत्त प्रसून ने एक चटाई बेचनेवाले बंगाली 
विप्लव मंडल से बाबा के मिलन का 
रोचक संस्मरण प्रस्तुत किया -
IMG_1532
गोष्ठी का संचालन भी प्रसून जी ने किया!
गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए 
पूर्व प्राचार्य डॉ. इन्द्र राम ने 
अपने संस्मरण में बताया कि 
कैसे बाबा ने प्रेरणा बनकर 
उनके 75 प्रतिशत विकलांग पुत्र को 
नयी ऊर्जा प्रदान की - 
IMG_1528
गोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले 
सभी मनीषी एक साथ -
DSC_0104 - Copy
अंत में डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक” ने 
सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया!

15 comments:

  1. Aise aayojanon ke baareme sunti hun,to bahut achha lagta hai. Ek hasrat-si rahti hai,ki,kaash mai bhi pahunch pati!

    ReplyDelete
  2. बाबा की बात अनोखी बात

    शुक्रिया

    ReplyDelete
  3. बहुत अच्छी प्रस्तुति।
    इसे 27.06.10 की चर्चा मंच (सुबह 06 बजे) में शामिल किया गया है।
    http://charchamanch.blogspot.com/

    ReplyDelete
  4. "बहुत खूबसूरत प्रस्तुति।"

    ReplyDelete
  5. शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद !

    ReplyDelete
  6. अच्छा और सार्थक आयोजन ।
    बधाई।

    ReplyDelete
  7. एक अच्छॆ आयोजन की अच्छी रपट !
    *
    thanks sir ji !

    ReplyDelete
  8. बहुत बढिया आयोजन्।

    ReplyDelete
  9. बाबा नागार्जुन की स्मृति...
    और वो दन्तुरित मुस्कान...

    ReplyDelete
  10. बाबा की हर बात निराली!

    ReplyDelete
  11. बहुत अच्छी प्रस्तुति । बधाई

    ReplyDelete
  12. सुन्दर प्रस्तुति...बेहतरीन चित्र.

    ___________________________
    'पाखी की दुनिया' में स्कूल आज से खुल गए...आप भी देखिये मेरा पहला दिन.

    ReplyDelete
  13. यह आयोजन तो वाकई प्रशंसनीय है.

    ReplyDelete
  14. मेरे द्वारा एक नया लेख लिखा गया है .... मैं यहाँ नया हूँ ... चिटठा जगत में.... तो एक और बार मेरी कृति को पढ़ाने के लिए दुसरो के ब्लॉग का सहारा ले रहा हूँ ...हो सके तो माफ़ कीजियेगा .... एवं आपकी आलोचनात्मक टिप्पणियों से मेरे लेखन में सुधार अवश्य आयेगा इस आशा से ....
    सुनहरी यादें

    ReplyDelete

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथासम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।