जनाब ये किसी समुद्र का सीन नही है। यह है भारत नेपाल सीमा पर बना शारदा सागर जलाशय। यह दिल्ली से 320 किमी की दूरी पर उत्तराखण्ड के ऊधमसिंहनगर जिले के खटीमा से उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले तक एक बड़े हिस्से में फैला हुआ है। आज हम आपको उत्तराखण्ड के खटीमा से जिला पीलीभीत तक फैले इसी शारदासागर डाम की सैर पर ले चलते हैं। कुमाऊँ की पहाड़ियों से चल कर उत्तर प्रदेश के बड़े भूभाग को सिंचित करने वाली शारदा नहर के किनारे ही यह शारदा सागर बाँध है। यह लम्बाई में लगभग 30किमी तक फैला है और इसकी चैड़ाई 5 किमी के लगभग है। यह जलाशय भूमि की सतह से नीचे है। इसलिए इसके फटने तथा कटने की सम्भावना बिकुल नही है। खटीमा से नेपाल बार्डर की ओर जाने पर 12 किमी की दूरी पर यह प्रारम्भ हो जाता है। प्रतिवर्ष इस बाँध का मछली पकड़ने का ठेके की नीलामी करोड़ों रुपयों में होती है। इसके अरिक्ति इसमें से कई नहरें भी निकाली गयी हैं। जो कि खेती के सिंचन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। अतः इसके किनारे पिकनिक मनाने का आनन्द ही अलग है। दो वर्ष पूर्व घर में अतिथि आये हुए थे इसलिए हमने भी सोचा कि इसी के किनारे पिकनिक मनाइ जाये। घर से खाना पॅक किया और जा पहुँचे शारदा सगर डाम पर। सबसे पहले शारदा सागर के नीचे ढलान वाले भू-भाग पर बनी चरवाहों की एक झोंपड़ी देखी तो उसने तो मन मोह ही लिया। ऐसी शीतल हवा तो घर के ए-सी व पंखे भी नही दे सकते। इसके बाद शारदा सागर का जायजा लिया। अब कुछ थकान सी हो आई थी, भूख भी कस कर लगी थी अतः मैदान में ही चादर बिछा कर आराम से भोजन किया। शारदा सागर की सीपेज से निकले स्वच्छ जल में महिलाओं को बर्तन सा करने में बड़ा आनन्द आया। वो जैसे ही जूठे बर्तन पानी में डुबोती वैसे ही सैकड़ों मछलियाँ बचा-खुचा खाना खाने के लिए लपक-लपक कर आ जाती थीं। थोड़ी देर के लिए इसी मैदान में विश्राम किया और फिर से काफिला घर की ओर प्रस्थान कर गया। |
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Sunday, 19 July 2009
‘‘शारदा सागर जलाशय’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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amulya jankari ke liye shukriya.
ReplyDeleteऐसी ही नयी-नयी जगहों की जानकारी भविष्य में भ्रमण में बड़ी काम आती हैं।
ReplyDeleteआभार।
आपकी पोस्ट देख कर तो अपना भी मन शार्दा झील देखने का हो गया वहुत बहुत बधाई इस बडिया जानकारी के लिये
ReplyDeletevaah-ateev sundr.
ReplyDeleteबहुत अच्छा वर्णन है. कभी मौका मिला तो देखेंगे. घुमक्कडी का शौक है.
ReplyDeleteआदरणीय शास्त्री जी,
ReplyDeleteशारदा सागर डैम के बारे में इतने सुन्दर ढंग से और चित्रों के साथ बताया है आपने कि मन में वहां आने की इच्छा जागृत हो उठी।
शुभकामनायें।
हेमन्त कुमार
पढ़ा ,चित्र देखे |बहुत अच्छा लगा
ReplyDeleteHame is yatra par le jane ke liye dhanywaad.
ReplyDeleteshastri ji,
ReplyDeleteye to aapne mujhe ek naya target bata diya hai. kabhi sunday kee chhutti me fatah kar dunga is jagah ko.
or aapka wo taj wala kissa bade hi chaw se padha. bharat sarkar bhi is mamle me chup baithi hai kyonki use taj se karodo kee kamai jo hoti hai. kam se kam itna rahasy to khulna hi chahiye.