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Thursday, 4 February 2010

"माँ तुम्हारी आरती में ही मेरा संसार है” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)

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आपका माँ! दास पर उपकार है उपकार है।
आपके आशीष ही, मेरे लिए उपहार है।।

आपके बल से कलम-स्याही, सभी की बोलती,
कण्ठ में हो आप तो, रसना सुधा सा घोलती,
गीत-छऩ्दों में समाया, आपका आधार है।
आपके आशीष ही, मेरे लिए उपहार है।।

हो रहा सारा जगत्, रौशन तुम्हारे ज्ञान से,
छेड़ दो वीणा मधुर, जग मस्त हो सुर-तान से,
माँ तुम्हारी आरती में ही, मेरा संसार है।
आपके आशीष ही, मेरे लिए उपहार है।।

19 comments:

  1. आपके आशीष ही, मेरे लिए उपहार है ...

    माँ के पावन चरणों में ही तो संसार है ...... ग़ज़ब की प्रार्थना ....... लाजवाब शास्त्री जी ........

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  2. नमन केवल माँ शारदा का ही नहीं,आपके मन से निकले इस सुन्दर पवित्र भावों को भी करना है...
    मन मुग्ध करती अतिसुन्दर प्रार्थना ....

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  3. माँ तुम्हारी आरती में ही, मेरा संसार है।
    आपके आशीष ही, मेरे लिए उपहार है।।

    बहुत सुंदर प्रार्थना-आभार

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  4. आपके बल से कलम-स्याही, सभी की बोलती,
    कण्ठ में हो आप तो, रसना सुधा सा घोलती,
    गीत-छऩ्दों में समाया, आपका आधार है।
    आपके आशीष ही, मेरे लिए उपहार है।।
    Aise wishwas ka bal hee hamara astitv hai!

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  5. बहुत सुन्दर प्रार्थना आभार!

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  6. शास्त्री जी को चरण स्पर्श एवम दीर्घायु एवम सुखी जीवन की मंगल कामना ....

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  7. जय हो। बहुत सुंदर प्रार्थना।

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  8. आपको जन्म-दिन सुमंगल हो, रहे निरोगी काया ,
    शत -शत वर्षों तक रहे , आपकी हम सब पर छाया ..जन्म -दिन की शुभ कामना ॥

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  9. जन्मदिन मुबारक हो।

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  10. शुभकामनायें इस कारण कि आपके आशीष की अभी बहुत आवश्यकता है हम युवाओं को.
    आप दीर्घायु हों और आपके अनुभवों का लाभ हमें नित मिलता रहे.
    जय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड

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  11. खूबसूरत भाव से की गयी प्रार्थना ....आपकी लेखनी को नमन

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  12. mantra mugdh kar diya maa ki is vandana ne...........lajawaab.

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  13. वाह... आपने हम सभी कलम के पुजारियों के लिए प्रार्थना कर दी...धन्यवाद....

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  14. आपके बल से कलम-स्याही, सभी की बोलती,
    कण्ठ में हो आप तो, रसना सुधा सा घोलती,
    गीत-छऩ्दों में समाया, आपका आधार है।
    आपके आशीष ही, मेरे लिए उपहार है।।
    Bhai,
    Bahut hi sundar lagi. badhai!!

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  15. Adaraneeya Sir,
    vilamb se jaanakaaree ho pane ke karan apko der se janm divas ki shubhakamanayen de rahee hoon.aap ko deerghayu hone kee haardik mangalakamnayen.apkee tippaniyan mera hausala badhatee hain.
    hardik mangalkamnaon ke sath.
    Poonam

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  16. आपके बल से कलम-स्याही, सभी की बोलती,
    कण्ठ में हो आप तो, रसना सुधा सा घोलती,
    गीत-छऩ्दों में समाया, आपका आधार है।
    आपके आशीष ही, मेरे लिए उपहार hai


    dil ko sheetalata pradaan karne wali prarthnaa.bemishaal shastriji

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