दिनांकः 07-02-2010 समयः 9-47 PM अचानक मेरा चैट बॉक्स खुला-
Udan: शास्त्री जी प्रणाम
कैसे हैं.
मुझे: नमस्कार जी!
मैं ठीक हूँ आप कैसे हैं?
Udan: बस, आपका शुभाशीष है
आपके माईक है क्या? एक टेस्टिंग करना था.
मुझे: भारत कब आ रहे हैं?
Udan: जी, इस बरस में आना तो पक्का है.
अभी माह नहीं तय हो पाया है
९:४९ PM
मुझे: जी है लगा लिया है!
Udan: अच्छा यह वार्तालाप हुआ लिखकर!
अब माइक लगा कर साक्षात् रूप से बातें शुरू हो गयीं
कनाडा के समीर लाल जी (उड़नतश्तरी) से-
मैंने समीर लाल जी से कहा-
“पंकज मिश्र जी ने पोस्ट लिखी थी कि
आपकी आवाज वहुत पतली है।”
समीर जी ने कहा-
“क्या आपको ऐसा लगता है?”
मैंने कहा-
“समीर जी मुझे तो आपकी आवाज पतली
कहीं से भी नही लगी है!
मगर आपका स्वर मधुर अवश्य है।”
समीर लाल जी ने कहा-
“शास्त्री जी! आपको मैंने डिस्टर्ब तो नही किया!
आदरणीया भाभी जी को मेरा प्रणाम कहें!”
मैंने कहा-
“अरे समीर भ्राता जी!
हमारे खटीमा में एक दान सिंह रावत जी हैं,
उनको उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य-मन्त्री बनाया था।
अब वे उत्तराखण्ड में भी सहकारी बैंकों के भी चेयरमैन है।
उनकी शक्ल और आवाज आपसे हूबहू मिलती है।”
समीर जी ने कहा-
“शास्त्री जी! आपके यहाँ आऊँगा तो मैं उनसे भी मिलना चाहूँगा।”
इसके बाद मैंने उनको सुप्रभात कहा
और
उन्होंने मुझे शुभरात्रि कहा! |
bahut badhiya mulaqat rahi.
ReplyDeleteवाह .. बढिया !!
ReplyDeleteWartalaap taqreeban sunayi diya!
ReplyDeleteवाह शास्त्री जी , समीर लाल जी से बात करके तो मज़ा आ जाता है । सच कहा आपने उनके स्वर में बहुत माधुर्य है।
ReplyDeleteहमको तो पढ़कर ही मज़ा आ गया!
ReplyDelete--
मेरे लिए -
"नवसुर में कोयल गाता है - मीठा-मीठा-मीठा!"
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संपादक : सरस पायस
अच्छा लगता है अपने लोगों से बात कर के बधाई आपको
ReplyDeleteबहुत अच्छा लगा .. पढकर, सुन कर।
ReplyDeleteआपसे बात करना सुखद रहा, शास्त्री जी.
ReplyDeleteबहुत अच्छा ।
ReplyDeleteस्वर मधुर तो है।
ReplyDeleteपढ़कर बहुत अच्छा लगा! बढ़िया मुलाकात रही!
ReplyDeleteबात रिकार्ड कर लेते तो हम भी सुन लेते उनकी और आपकी मधुर वाणी...
ReplyDeleteनीरज
अच्छा! तो मैं भी सुनने का प्रयास करता हूँ.
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