मित्रों! आजकल ब्लाग-जगत में एक हुन्गामा नाम का वायरस हमला कर रहा है। हमारे मित्र श्री प्रेम नारायण शर्मा जी के ब्लाग को वो संक्रमित कर चुका है। बड़ी हा-हाकार मची हुई है। प्रेम नारायण शर्मा जी को कई लोग सान्त्वना दे रहे हैं और कई लोग इसका मजा भी ले रहे हैं। क्योंकि महाकवि तुलसीदास जी ने कहा है - ‘‘जिसको प्रभु दारुण दुख देहीं। उसकी मति पहले हर लेहीं।।’’ भाई जी ने भद्दी टिप्पणियों से घबराकर कमेण्ट-माडरेशन लागू कर दिया। यह तो श्री शर्मा जी ही जानें कि हुन्गामा नाम से टिप्पणी करने वाला ब्लागर बबली नाम की महिला है या कोई वायरस है। कहीं खुशी, कहीं गम। दोनों ही महान हैं, कोई नही है कम।। मैं भी उनके दुख में दुखी हूँ और मैंने इस टिप्पणी के साथ उनको सान्त्वना भी दी है- बधाई हो! आपने तो बबली नाम की ब्लॉगर का लिंग ही चेंज कर दिया है। बबली जी तो एक बड़ी ब्लॉगर हैं। वो 4-5 ब्लॉग चलाती हैं। मुझे नही लगता कि उनके पास इस विवाद में उलझने का समय होगा। अगर आप कन्फर्म हैं कि हुन्गामा यही हैं, तो इन्होंने अच्छा नही किया। जिसने भी यह टिप्पणियाँ की हैं, मैं उसकी निन्दा करता हूँ। आपने अपनी इस पोस्ट में हुन्गामा की कथित टिप्पणी HUNGAMA said... SADAKCHHAP! AB DOOSARI CHAKLLAS KAB LAGAYEGA. COMMENTS MODRETION KYON LAGA DIYA. DAR GAYA HAI KYA. MARD HAI TO IS COMMENT KO PUBLISH KAR. 22 September, 2009 12:47 PM भी प्रमाणस्वरूप लगाई है, मगर यह तो आपकी किसी भी पोस्ट पर नही दिखाई दे रही है। अब प्रश्न यह उठता है कि आपने अपने ब्लॉग पर मॉडरेशन लगाया ही क्यों है? क्या आप इस हुन्गामारूपी भूत से इतने भयभीत हो गये हैं? आप स्वछन्द होकर लिखते रहिए। मेरा तो सुझाव है कि आप इस हुन्गामा नाम के भूत की उपेक्षा करते रहें। यह अपने आप ही खामोश होकर बैठ जायेगा। मगर आपने तो बबली जी का लिंक देकर उन्हें स्वयं ही हाई-लाइट कर दिया है। जो उन्हे नही भी जानता था, आपके सौजन्य वो भी उनसे परिचित हो ही जायेगा। भ्राता जी! समझदारी से काम लो। शुभकामनाओं सहित- शर्मा जी तो दुखी है, उनके साथ मेरी पूरी श्रद्धा और सहानुभूति है। किन्तु अगर बबली जी ने यह टिप्पणियाँ नही की हैं तो उन्हें तो मुफ्त में प्रसिद्धि मिल रही है। क्योंकि इनके ब्लाग का लिंक जो श्रीमान प्रेम नारायण शर्मा जी ने अपनी पोस्ट में लगा दिया है। मेरी आप सब ब्लागर मित्रों को नेक सलाह है कि अगर ऐसा वायरस आपको भी परेशान करे तो कृपया चुप होकर बैठ जायें। खासतौर से वो मित्र जो शादीशुदा होते हुए भी रसिया रस वर्षा करते हों। इससे आप बदनामी से भी बचे रहेंगे और किसी को पता भी नही लगेगा कि आप हुन्गामा नाम के फ्लू से ग्रस्त हैं। |
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Wednesday, 23 September 2009
‘‘सावधान! हुन्गामा फ्लू आ गया है" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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हुन्गामा क्यों बरपा
ReplyDeleteजो थोडी सी दे दी है ?
डाका तो नहीं डाला
बस थोडी सी मौज हो गई है .
हुन्गामा नाम के फ्लू से निपटने के लिए माडरेशन सही है
शास्त्री जी, समझ में नहीं आ रहा कि हो क्या रहा है!?:)
ReplyDeleteसमझे तो कुछ हम भी नहीं !!!
ReplyDeleteबबली जी नहीं होगीं एसा मेरा भी विश्वाश है !
ReplyDeleteमाज़रा क्या है पता नही ?
ReplyDeleteइ हुन्गामा फ्लू पर एतना हंगामा कहे है भाई ???
ReplyDeleteमुझे तो बड़ा आश्चर्य लग रहा है कि मेरे बारे में ऐसा लिखा जा रहा है! मेरा घर का नाम बबली है और एक नाम उर्मी है तो मैं भला अपना नाम बदलकर इस तरह का कमेन्ट क्यूँ देने लगूं? मेरा पॉँच ब्लॉग है और आप सबको बता देती हूँ कि मेरा घर का नाम बबली है और एक नाम उर्मी है इसके अलावा कुछ भी नही! कौन है ये आखिर हंगामा ? इस तरह का भाषा तो मैंने आज तक कभी प्रयोग नहीं किया! मुझे बदनाम किया जा रहा है! शास्त्रीजी आपको तो मुझ पर विश्वास होगा कि मैं अपना नाम बदलकर सबको क्यूँ टिपण्णी देने लगूं?
ReplyDeleteहंगामा है क्यों बरपा ?
ReplyDeleteबबली जी से कहिये यहाँ पर भी उनके बारे में कुछ लिखा गया है... लगे हाथ उसका भी जवाब दे दे
ReplyDeletehttp://chitthacharcha.blogspot.com/2009/09/blog-post_16.html
sach mein kafi hungama ho gaya hai...........magar bach ke rahein ........sach jhooth to kaun jaan sakta hai..........sabhi savdhan rahein yahi kah sakti hun.
ReplyDeleteपता नही शास्त्री जी,
ReplyDeleteयह सब क्या हो रहा है..परंतु जो कुछ भी हो रहा है सही नही है..ब्लॉगर्स के साथ कोई बाहरी लोग भी ऐसा कर सकते है.हमें संयम बना कर चलने की ज़रूरत है आपस मे...बढ़िया प्रसंग उठाया आपने..बधाई..
खामख्वाह किसी को यूँ रुसवा करना अच्छी बात नहीं है. बबली जी के बारे में मेरी राय भी वही है जो बबली जी ने खुद लिखी है. वैसे शास्त्री जी, आपने भी बड़े प्यार से डांट लगा दी ,पर समझने वाला पता नहीं समझ भी पायेगा या नहीं.
ReplyDeleteपता नही इस ब्ल्ाग परिवार को किसकी नज़र लग गयी है
ReplyDeleteबहुत हीं डेंन्जरस माहौल है ।
ReplyDeleteशास्त्री जी,
ReplyDeleteमैं तो सरे घटना क्रम से अनभिग्य रहा, आपके ब्लाग से जानकारी मिली तो लिंक पकड़ कर प्रेम जी के ब्लाग पर चला गया, वहां पर मैं निम्न कमेन्ट कर के आ रहा हूँ........
"ये क्या हो रहा है.................
सत्य से मैं अनजान, इसलिए कुछ भी विशेष कमेन्ट नहीं करूंगा, पर पुरे होशोहवास में या ग़लतफ़हमी में, या जैसे भी ये सब जो हो रहा है ब्लाग जगत के लिए यह कोई शुभ सन्देश नहीं है, पहले भी क्षद्म नाम के कमेन्ट पर काफी बहस हो चुकी है..............परिणाम अंततः क्या निकलेगा................
भई प्रेम जी, 'क्षमा बड़न को चाहिए, छोटन को अपराध', यही सोंच कर इस बहस का अंत कर दीजिये और
बबली जी यदि आप पाक-साफ हैं, तो ज्यादा सफाई में कुछ न कहते हुए, अपने से बड़े के सम्मान में और ब्लागजगत के हित में 'अपमान का ये घूँट पीकर'. उपकृत कीजिये. और
अपने समय और बुद्धि का प्रयोग उसे पकड़ने में लगाइए, जिसने आपका पासवर्ड चोरी कर ऐसे विवादस्पद कर्म को अंजाम दिया और बहुत चालाकी से कटघरे में आपको खडा कर गया.
मेरा अपने अन्य कंप्यूटर एक्सपर्ट ब्लाग मित्रों से अनुरोध है कि वे अपने एक्सपर्ट सलाह बबली जी को दें ताकि तकनीक का प्रयोग कर वास्तविक अपराधी कि भनक उन्हें भी लग सके, बबली जी आप भी नवरात्रि के इस शुभ अवसर पर माँ दुर्गा का आह्वान कर उनसे ऐसे कपटी मित्र को सामने लाने की प्रार्थना करें. "
चन्द्र मोहन गुप्त
जयपुर
www.cmgupta.blogspot.com