आज 26 अगस्त को सय्यद मासूम साहब को
उनकी यौम-ए-पैदाइश की बहुत-बहुत मुबारकवाद।
एस एम मासूम साहब से कुछ सवाल – जवाब
अपने बारे में कुछ बताएं, मसलन बचपन, पढाई और किशोरावस्था के बारे में?
मेरा जन्म उत्तर प्रदेश के जौनपुर शहर मैं 1960 को एक ज़मींदार परिवार मैं हुआ था. पिताजी रेलवे मैं इंजिनियर थे और लिखने पढने मैं बहुत रूचि रखते थे. बचपन मज़े मैं बीता, पढना लिखना और समाज सेवा करना, इसी मैं समय गुज़र जाता था. मैं ना तो कोई साहित्यकार हूँ और ना ही बनना चाहता हूँ. बस सामाजिक सरोकारों से जुड़ कर समाज के लिए कुछ करता रहता हूँ. यही कारण है कि इस ब्लोगिंग मैं भी शोहरत के सस्ते हथकंडों से दूर रहकर ज़मीनी स्तर पे काम करने मैं अधिक रूचि रखता हूँ.
आप ने अपनी शिक्षा कहाँ से प्राप्त की?
मैंने अपना पढ़ाई का ज़माना लखनऊ और वाराणसी मैं गुज़ारा और विज्ञान से स्नातक की डिग्री लखनऊ विश्वविद्यालय से ली. कंप्यूटर, इन्टरनेट, वेबसाइट, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर में स्वयं ज्ञान प्राप्त किया.
आपका व्यवसाय क्या है?
मैं बैंक मैं मेनेजर था, अब अवकाश ले लिया है और खुद का बिज़नस करता हूँ. पत्रकारिता से भी जुड़ा हूँ और बहुत से समाचार पत्रों के लिए काम करता हूँ.
बचपन का कोई ऐसा क़िस्सा जो आज भी आपने ज़ेहन में कौंधता रहता है?
जी हाँ एक दोस्त कि याद नहीं जाती दिल से. मैं उस समय लखनऊ के जुबली कॉलेज मैं कक्षा नौं का विद्यार्थी था और मेरा एक मित्र था पंकज रस्तोगी. हम दोनों फिल्म देखने गए रंगीला रतन. मध्यांतर मैं हम दोनों बाहर आये एक फ़कीर ने पैसा माँगा दुआ के साथ कि तुम्हारा भविष्य उज्जवल हो, पंकज ने कहा अरे जाओ भाई कल किसने देखा है. हम 3-6 शो देख रहे थे. शो ख़त्म होने के बाद हम अपने अपने घर आ गए.
रात मैं खबर आयी कि पंकज घर कि छत से गिर गया और अस्पताल मैं है. सुबह पंकज के घर वाले मेरे पास आये क्योंकि पंकज बेहोशी मैं मेरा नाम ले के पुकार रहा था, मैं 11 बजे उसके पास गया जैसे ही उसने मुझे देखा एक बार मुस्कराया और दम तोड़ दिया.यह बात मुझे कभी नहीं भूलती और यह भी कि फ़कीर को वापस ना लौटाओ और अगर कुछ ना दे सकों तो कम से कम कोई उलटी बात मत बोलो.
आप कई वर्षों से लिख रहे हैं, लेखन से सम्बंधित कोई ऐसा संस्मरण जो भुलाये न भूलता हो?
जैसा मैंने पहले भी कहा कि मैं कोई साहित्यकार नहीं. अंग्रेजी ब्लोगिंग मैं 10 वर्षों से काम कर रहा हूँ वर्ष 2010 में हिंदी ब्लोगिंग मैं क़दम रखा है. अभी भी हिंदी ब्लॉगर्स की ज़हनियत को समझने की कोशिश कर रहा हूँ.
ब्लॉगर कैसे बने ? आप ब्लॉग-लेखन कब से कर रहे हैं और क्यूँ कर कर रहे हैं?
अंग्रेजी मैं ब्लोगिंग तो मैं पिछले 10-12 साल से कर रहा हूँ. हिंदी ब्लॉग जगत में मुझे इस्मत जैदी साहिबा 2010 में लाई और तभी से दोनों ब्लॉग जगत में काम कर रहा हूँ. मैं हमेशा ही इंसानियत और एकता के लिए काम करता हूँ. अभी मुझे अपने वतन का क़र्ज़ भी उतारना है और अब उसी के लिए सक्रिय हूँ. जौनपुर ब्लॉगर एसोसिएशन बनाया और हिंदी और अंग्रेजी मैं www.jaunpurcity.in बनाई. ज़मीनी स्तर पे भी डॉ मनोज मिश्रा और दूसरे ब्लॉगर्स के साथ काम कर रहा हूँ.
वर्तमान हिन्दी ब्लॉग जगत में सामूहिक ब्लॉग की कितनी महत्ता है?
साझा ब्लॉग की महत्ता तो बहुत है लेकिन केवल उन्ही को जोड़ना चाहिए जो ब्लॉग मैं रूचि रखते हों और ब्लॉग को समय दे सकें. साझा ब्लॉग हम वतनो को या एक विचार वालों को एक साथ जोड़ता है. इस से अधिक और क्या चाहिए.
किन्ही 5 ब्लॉगर्स का नाम बताईये जिनसे आप प्रभावित हुए बिना नहीं रहे ?
वैसे तो कई हैं इस ब्लॉगजगत मैं जिनसे मैं बहुत ही अधिक प्रभावित हूँ लेकिन आपने 5 नाम मांगे हैं तो मैं डॉ मनोज मिश्रा जी का नाम सबसे पहले लूँगा. एक सुलझा हुआ इंसान जिसने चुपचाप अपने वतन के लिए बहुत काम केवल अपने ब्लॉग से किये हैं. दूसरा नाम जनाब ज़ीशान ज़ैदी का है, यह भी विज्ञान के क्षेत्र में चुपचाप अपना काम किया करते हैं और तीसरा नाम है हमारे कवि मित्र कुंवर कुसुमेश जी का, जिनकी तारीफ शब्दों मैं बयान नहीं की जा सकती. चौथा नाम है डॉ पवन मिश्रा जी का, गहराई में जाकर किसी भी विषय पर लिखते है और बेहतरीन लिखते हैं. पांचवां नाम है शिखा वार्ष्णेय, बेहतरीन लेखनी और उच्च विचार. यहाँ यह भी कहता चलूँ कि मेरी लिस्ट मैं 20-21 ब्लॉगर्स हैं और 2 तो ऐसे हैं जिनसे मेरे विचार भी नहीं मिलते लेकिन उनकी लेखनी कि धार का मैं कायल हूँ.
अपने व्यक्तिगत ब्लॉग में लेखन का मुख्य विषय / मुद्दा क्या है?
मेरे व्यक्तिगत ब्लॉग का मुख्य विषय सामाजिक मैं अमन और शांति है और मैं सामाजिक सरोकारों पे ही लिखता हूँ. भ्रष्ट समाज को बदलने कि कोशिश करता हूँ बस.
आप कि नज़र मैं बड़ा ब्लॉगर कौन है?
बड़ा ब्लॉगर वही है जो शोहरत से, गन्दी राजनीती से दूर हट के समाज के लिए कुछ काम अपनी लेखनी का इस्तेमाल करते हुए कर रहा है.
आज कल बड़े बड़े उत्सव, महोत्सव, ब्लॉगर मिलन हुआ करते हैं, इनाम बांटे जाते हैं. जहाँ इल्ज़ाम यह भी लगता है कि सब अपना-अपना देखते हैं. आप को कैसा लगता है?
हर इंसान को यह अधिकार है कि वो कहीं भी कोई भी मीटिंग करे, उत्सव या महोत्सव करे, खुद को ही इनाम दे डाले या अपने दोस्तों को ही इनाम दे. दूसरों के अधिकार छेत्र में जा के मैं कुछ कहना ठीक नहीं समझता. ब्लॉगजगत को इससे बहुत फायदा होता नहीं दिखाई देता. हाँ कुछ ब्लॉगर्स के आपस के रिश्ते मज़बूत होते है, यह एक अच्छी बात है और आशा है इन रिश्तों का वो सही इस्तेमाल करेंगे.
धार्मिक-उपदेश और उनको अपने जीवन में उतारना, आज के युग में कहाँ तक सही है?
धार्मिक उपदेश कि महत्ता हर धर्म कि किताबों मैं है. आज हम ना तो ईमानदारी और सदाचारी होना पसंद करते हैं और ना ही धार्मिक उपदेशों को सुनना. यह कमी हमारी है ना कि किसी धर्म या धार्मिक उपदेशों की. धार्मिक उपदेश हमारे जीवन का आईना हैं, जिसे हमेशा देखते रहना चाहिए.
एक भारतीय महिला को कैसा होना चाहिए, कोई महिला ऐसी है जिसे आप आदर्श के रूप में प्रस्तुत कर सकें?
भारतीय महिला? शायद सही सवाल यह है कि एक महिला को कैसा होना चाहिए? आज के युग मैं जहाँ आधुनिक महिलाएँ कम वस्त्र धारण कर के गर्व महसूस करती हैं, इस विषय पे कुछ कहना ही सही नहीं है. ब्लॉगजगत की तस्वीरों से देखा जाए तो रेखा श्रीवास्तव जी को देख कर ख़ुशी होती है. आदर्श महिलाएँ इस विश्व मैं बहुत सी गुज़री हैं, जिनमें से जनाब-ए मरियम और जनाब-ए फातिमा (स.ए) का नाम मैं अवश्य लूँगा.
बहुत बढिया सवाल और उसके संतुलित जबाब .. एस एम मासूम जी को जन्म दिन की हार्दि बधाई और शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteजन्मदिन मुबारक हो....
ReplyDeleteमासूम साहब को जन्मदिन की बधाई, बहुत बेहतर साक्षात्कार-प्रस्तुति
ReplyDeleteमासूम भाई को जन्मदिन की बधाई ।
ReplyDeleteबहुत अच्छे विचार हैं ।
जन्मदिन मुबारक हो....
ReplyDeletemaasoom ji
ReplyDeletewish you a very happy birth day .
aaj aapke baare mai etna kuch pad kar bahut achchha laga
kitne saadgi se aapne sari baaten kahee
aapko khoob unnati aur tarakki mile , yahi hamaari duaa hai ... aur aapkaa aman ka paigaam har dil par dastak de aur asar kare ..
shubhkamnaayen.
ReplyDeleteइस मौक़े पर एक शेर अर्ज़ है
ReplyDeleteफ़लक के चांद को मुश्किल में डाल रखा है
ये किसने खिड़की से चेहरा निकाल रखा है
आज 26 अगस्त को सय्यद मासूम साहब को उनकी यौम-ए-पैदाइश की बहुत-बहुत मुबारकबाद
yh charcha Bloggers' Meet Weekly tak ja pahuncha hai .
janmdin bahut bahut mubaraq ho bhai maasoom ji !
ReplyDeleteशुक्रिया संगीता जी, अर्चना जी , चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ साहब,डॉ टी एस दराल जी,दोस्त सुज्ञ ,"पलाश, बहना वंदना ,अनवर जमाल साहब और अलबेला खत्री जी.
ReplyDeleteडॉ. रूपचन्द्र शास्त्री जी आप के प्रेम के लिए बहुत बहुत धन्यवाद्.
जन्मदिन मुबारक हो....
ReplyDeleteमासूम साहब जी को जन्मदिन की बधाई.....!
ReplyDeleteJanmdin ki Mubarakbad.
ReplyDeleteMASOOM BHAI.
ReplyDeleteWISH YOU A HAPPY BIRTHDAY.
!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
संजय भास्कर,Tarkeshwar Giri,dhananjay जी आप का बहुत बहुत शुक्रिया
ReplyDeleteबहुत बढिया सवाल और उसके संतुलित जबाब .. एस एम मासूम जी को जन्म दिन की हार्दि बधाई और शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteder se karaneke liye sorry
आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
ReplyDeleteयदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
जन्मदिन की बहुत -बहुत बधाई .,देरी के लिए माफी चाहती हूँ
ReplyDeleteसार्थक साक्षात्कार।
ReplyDeleteजन्मदिन की शुभकामनाएं.........
aadarniy sir
ReplyDeleteaapke dwara AS.AM MASUM ji ke bare me bahut si jankariyan maili sawal v jawab dono hi bahut hi achhe lage.unko janm-din ki hardik subh -kamana dijiyega.
bahut hi sundar vrochak lagi aapki yah prastuti
sadar naman
poonam
एस एम मासूम जी को जन्म दिन की हार्दि बधाई और शुभकामनाएं !!
ReplyDeleteदेरी के लिए माफी
ReplyDelete