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Saturday, 6 August 2011

‘‘महाकवि तुलसीदास’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)


‘‘महाकवि तुलसीदास’’ 

"सूर-सूर तुलसी शशि, उडुगन केशव दास।
अब के कवि खद्योत सम, जहँ-तहँ करत प्रकाश।।’’
ब्लागर मित्रों!
आज से 20 वर्ष पूर्व मेरा एक लेख
नैनीताल से प्रकाशित होने वाले
समाचारपत्र
"दैनिक उत्तर उजाला"
में प्रकाशित हुआ था।


इसे साफ-साफ पढ़ने के लिए-
कृपया समाचार की कटिंग पर
एक चटका लगा दें।
भगवान राम की गाथा को
रामचरित मानस के रूप में
जन-जन में प्रचारित करने वाले 
महाकवि तुलसीदास की स्मृति
उर में संजोए हुए यह लेख मूलरूप में 
आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ।

11 comments:

  1. bahut hi sundar
    keya racha hai
    aacha lagega

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  2. Aalekh rochak lag raha tha,lekin poora nahee khul paya....

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  3. मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं,आपकी कलम निरंतर सार्थक सृजन में लगी रहे .
    एस .एन. शुक्ल

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  4. युग दृष्टा थे तुलसी -जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी ,
    सो नृप अबसी,नरक अधिकारी .आज भी प्रासंगिक हैं ये पंक्तियाँ ,तिहाड़ की शोभा बने हमारे पहरुवे इसका प्रमाण हैं .
    शुक्रवार, ५ अगस्त २०११
    Erectile dysfunction? Try losing weight Health
    ...क्‍या भारतीयों तक पहुच सकेगी यह नई चेतना ?
    Posted by veerubhai on Monday, August 8
    Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Bio Cremation, जैव शवदाह, पर्यावरण चेतना, बायो-क्रेमेशन /http://sb.samwaad.com/

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  5. मुझे क्षमा करे की मैं आपके ब्लॉग पे नहीं आ सका क्यों की मैं कुछ आपने कामों मैं इतना वयस्थ था की आपको मैं आपना वक्त नहीं दे पाया
    आज फिर मैंने आपके लेख और आपके कलम की स्याही को देखा और पढ़ा अति उत्तम और अति सुन्दर जिसे बया करना मेरे शब्दों के सागर में शब्द ही नहीं है
    पर लगता है आप भी मेरी तरह मेरे ब्लॉग पे नहीं आये जिस की मुझे अति निराशा हुई है
    http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/

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  6. आप तो हिंदी के बहुत पुराने विद्वान् लेखक है , हिंदी की इस लंबी सेवा के लिए बधाई .

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  7. शास्त्री जी अच्छी जानकारी पुरानी यादें तारापति पुत्र तुलसी के ....चटका लगते जम होना अच्छा जुगाड़ ...
    सुन्दर
    भ्रमर ५

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  8. युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए..

    बहुत अच्छा..

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