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Thursday 31 May 2012

"रपट-रविकर जी के सम्मान में गोष्ठी" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

"रविकर" जी के सम्मान में कविगोष्ठी!
      !!खटीमा (उत्तराखण्ड) 31 मई, 2012!! साहित्य शारदा मंच, खटीमा की ओर से धनबाद से पधारे रविकर फैजाबादी के सम्मान में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया।
       इस अवसर पर साहित्य शारदा मंच खटीमा के अध्यक्ष डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक" ने इन्हें अपनी 4 पुस्तकें भेट की और मंच के सर्वोच्च सम्मान "साहित्यश्री" से अलंकृत किया।
      ब्लॉगिस्तान में इनकी सक्रियता को देखते हुए "ब्लॉगश्री" के सम्मान से भी सम्मानित किया गया। 
         गोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ नागरिक समिति के अध्यक्ष 
सतपाल बत्तरा ने की तथा गोष्ठी का सफल संचालन पीलीभीत से पधारे लब्धप्रतिष्ठित कवि देवदत्त "प्रसून" ने किया।

         इस अवसर पर माँ सरस्वती की वन्दना डॉ. मयंक ने प्रस्तुत करते हुए गोष्ठी का शुभारम्भ किया।
         इसके बाद वयोवृद्ध रूमानी शायर गुरुसहाय भटनागर ने अपनी ग़ज़ल प्रस्तुत की-
"प्यार से मिलके रह लें गाँव-शहर में-
देश में हमको ऐसा अमन चाहिए।"
          स्थानीय थारू राजकीय इण्टर कॉलेज में हिन्दी के प्रवक्ता डॉ.गंगाधर राय ने अपनी एक सशक्त रचना का पाठ किया-
"हे राम अब आओ 
पंथ दिखलाओ!
राक्षसी वृत्तियाँ बढ़ रहीं हैं।
मर्यादाएँ टूट रही हैं...."
          गोष्ठी के संचालक देवदत्त प्रसून ने इस अवसर पर काव्य पाठ करते हुए कहा-
"आपस के व्यवहार टूटते देखें हैं।
नाते-रिश्तेदार टूटते देखें हैं।।
हाँ पैसों के लोभ के निठुर दबाओं से-
कसमें खाकर यार टूटते देखें हैं।।"
           हेमवतीनन्दन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, खटीमा के हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. सिद्धेश्वर सिंह ने इस अवसर पर गंगादशहरा पर अपनी कविता का पाठ किया-

स्कूटर पर सवार होकर 
घर आई मिठास
बेरंग - बदरंग समय में
आँखों को भाया 
भुला दिया गया सुर्ख रंग
यह तरबूज है सचमुच
या कि घर में 
आज के दिन हुआ है गंगावतरण।"

      हास्य-व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर गेंदालाल शर्मा "निर्जन" ने अपने काव्य पाठ से गोष्ठी में समा बाँध दिया।
       गोष्ठी के मुख्यअतिथि दिनेश चन्द्र गुप्त "रविकर" ने अपने काव्य पाठ में कहा-
"तिलचट्टों ने तेलकुओं पर, 
अपनी कुत्सित नजर गड़ाई।
रक्तकोष की पहरेदारी,
नरपिशाच के जिम्मे आई।"
         इस अवसर पर "रविकर" जी ने अपने वक्तव्य में कहा-
"मेरा किसी गोष्ठी में भाग लेने का यह पहला अवसर है और पहली बार ही मुझे सम्मान मिला है। इसके लिए मैं साहित्य शारदा मंच के अध्यक्ष डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ।"

20 comments:

  1. रविकर जी ,रवि के करों के समान ही चतुर्दिक रचनाओं पर त्वरित प्रकाश डालते हैं - प्रशंसनीय हैं !

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  2. मित्रों चर्चा मंच के, देखो पन्ने खोल |
    आओ धक्का मार के, महंगा है पेट्रोल ||
    --
    शुक्रवारीय चर्चा मंच

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  3. Sundar tasveeren! Aisi goshtiyon se mai mehroom rah jatee hun!

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  4. सुंदर रपट.... आदरणीय रविकर जी को सादर बधाईयां....

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  5. शानदार आयोजन और बढ़िया प्रस्तुति .
    बधाई .

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  6. aadarniy ravi kar ji ko is sammaan ke liye hardik badhai
    poonam

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  7. रविकर जी सबके प्रिय हैं। आशा है,परिकल्पना ब्लॉगोत्सव में मेरा भी उनसे मिलने का सुयोग होगा।

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  8. आदरणीय शास्त्री जी बहुत सुन्दर लगा ये गोष्ठी देख.इस तरह के आयोजन से मन खिल जाता है ..आप को और रविकर जी के साथ सारे प्यारे मित्रों को ढेर सारी शुभ कामनाएं
    रविकर जी बड़े ही सक्रिय हैं मिलनसार हैं ..चर्चा मंच पर जब से आये समां ही बाँध दिया आप सब के साथ ..उनकी वाणी और लेखनी में सदा सरस्वती जी यों ही विराजमान रहें , एक बार जो उनसे मिला या परिचित हुआ फिर भूला कहाँ ....
    जय श्री राधे
    भ्रमर ५

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  9. आदरणीय शास्त्री जी प्रिय रविकर जी के सम्मान के कुछ अंश हम अपने ब्लॉग भ्रमर का दर्द और दर्पण में प्रकाशित कर रहे हैं कृपया अनुमति दें आप का ये ब्लॉग लिंक है
    भ्रमर ५

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  10. गोष्ठी का सुन्दर चित्रमय वर्णन.....रविकर जी को हार्दिक बधाई....

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  11. वाह! रविकर कविराज को सम्मानित करके आपने बहुत अच्छा कार्य किया। आपको धन्यवाद और कविराज को बहुत बधाई।

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  12. धन्य धन्य रविकर हुआ, मित्रो का आभार ।

    प्रेम पाय के आपका, हर्षित हुआ अपार ।

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  13. ऐसी फूल-मालाएं तो वे पहले भी धारण कर चुके हैं.ज़्यादा फूलों से लाद देंगें तो कहीं फूल ही न बन जाएं !

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  14. रविकर जी आज हिंदी साहित्य विधा में दोहों के चंदगी राम है उनका सम्मान हिंदी लिए गौरव की बात है
    धन्यवाद मंच को धन्यवाद श्री शास्त्री जी

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  15. रविकर जी को हार्दिक बधाई....

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  16. रविकर जी को नमस्कार व हार्दिक बधाई !!

    "तिलचट्टों ने तेलकुओं पर,
    अपनी कुत्सित नजर गड़ाई।
    रक्तकोष की पहरेदारी,
    नरपिशाच के जिम्मे आई।"

    क्या खूब .....

    नमस्कार व आभार आपको !!

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  17. सुन्दर वर्णन ..रविकर जी को हार्दिक बधाई ... शास्त्री जी को भी बधाई और आभार ..सादर

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  18. बहुत बढिया। सभी जनों को बधाई।

    ............
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