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Monday, 19 October 2009

"रस्म पगड़ी" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

!! रस्म-पगड़ी समाज का आवश्यक अंग है !!

श्री रामचन्द्र आर्य जी के पार्थिव शरीर का पूरे विधि-विधान के साथ 
अन्तिम-संस्कार वैदिक रीत्यानुसार कर दिया गया।


इसके पश्चात तीन दिनों तक प्रातः सायं यज्ञ किया गया।
आज रस्म-पगड़ी थी।


आखिर क्या है ये रस्म-पगड़ी?
इस अवसर पर मैंने इस गम्भीर विषय पर कुछ प्रकाश डाला।
हमारा देश ऋषि-मुनियों का देश रहा है। यहाँ प्रारम्भ से ही राज-तन्त्र रहा है। आर्यावृत्त के आदि नरेश महाराज मनु हुए हैं। 
कहने को तो भारत लोकतान्त्रिक देश है। परन्तु राजतन्त्र की जड़ें इतनी सुदृढ़ हैं कि प्रजातन्त्र में यह परोक्षरूप में परिलक्षित होता है। अब ऊपर से नीचे की ओर चलते हैं-
एक राष्ट्र और उसका एक नरेश, एक प्रान्त और उसका एक नरेश, एक नगर और उसका एक नरेश, एक गाँव और उसका एक नरेश और एक परिवार का एक ही मुखिया अर्थात राजा।
इनमें से किसी के भी गुजर जाने के बाद नये मुखिया की नियुक्ति की जाती है। उसको जिम्मेदारी दी जाती है। 
पहले समय में तो युवराज को राजमुकुट से सुशोभित किया था, वर्तमान में शपथ दिलाई जाती है। लेकिन परिवारों में समाज के सामने आज तक उत्तराधिकारी को पगड़ी पहनाने का रिवाज है।
परिवार की व्यवस्था को सुचारूरूप से चलाने के लिए अनुशासन और व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
यही तो रस्म पगड़ी है। 

9 comments:

  1. bhagwan aapke mamaji ki aatma ko shanti pradan karein.

    pagdi ki rasam ke baare mein aapn eachchi jankari di.

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  2. भगवान आपके मामा जी की आत्मा को शान्ति दे उन के लिये विनम्र श्रद्धाँजली

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  3. "परिवार की व्यवस्था को सुचारूरूप से चलाने के लिए अनुशासन और व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है।
    यही तो रस्म पगड़ी है।"

    जानकारी के लिए हार्दिक आभार.
    पर आज सारी प्रक्रियाएं होती तो हैं पर अनुशासन और व्यवस्था तो कहीं दिखती ही नहीं..........

    हार्दिक बधाई.

    चन्द्र मोहन गुप्त
    जयपुर
    www.cmgupta.blogspot.com

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  4. bahut achhi jankari se parichaye karaya aapne....mere blog pe aapka swagat hai

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  5. इस रस्म के बारे मे हमेशा सुनते थे लेकिन इसका अर्थ आज मालूम हुआ । धन्यवाद ।

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  6. समाज की पारंपरिक व्यवस्था का स्पष्ट चित्रण......सरे प्रश्नों का निदान

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  7. भस्मान्तम् शरीरम्" सत्य है.

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