यदि प्रकृति का वास्तविक स्वरूप देखना हो तो आपको इसके लिए सबसे पहले टनकपुर आना पड़ेगा। लेकिन कम से कम 3 दिन का समय इसक लिए आपको निकालना ही होगा। टनकपुर उत्तराखण्ड के चम्पावत जिले में स्थित है। यह कुआऊँ का प्रवेश द्वार है। यह दिल्ली से 350 किमी दूर है और यह बरेली से रेलवे की छोटी लाइन से जुड़ा हुआ है। टनकपुर पहुँयने पर आप सबसे पहले माता पूर्णागिरि के दर्शन करें। जो एक शक्ति-पीठ के नाम से जानी जाती है। यह टनकपुर से 25 किमी की दूरी पर पर्वत की चोटी पर है। आप श्रद्धा और प्रेम से माता के दर्शन करें। अगले दिन आप नेपाल में स्थित ब्रह्मदेव मण्डी जाकर सिद्धबाबा के दर्शन करें। कहा जाता है कि माता के दर्शन करने पर सिद्धबाबा के दर्शन करना अनिवार्य माना जाता है। तीसरे दिन आप मनोहारी छवि और प्राकृतिक सौन्दर्य के लिए प्रसिद्ध श्यामलाताल पहुँच कर कुदरत के नजारों का आनन्द ले सकते हैं। यहाँ पर रामकृष्ण मठ द्वारा संचालित विवेकानन्द आश्रम है। जिसमें रामकृष्ण मिशन से जुड़े सन्त साधना करते हैं । वास्तव में यह मिशन का एक प्रशिक्षण केन्द्र है। (चित्र गूगल सर्च से साभार) |
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Tuesday, 14 July 2009
’’श्यामलाताल’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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सुंदर चित्रों के साथ बढिया जानकारी दी ..धन्यवाद !!
ReplyDeleteजानकर प्रसन्नता हुई।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
अच्छी जानकारी और सुन्दर चित्र.
ReplyDeleteshastri ji.
ReplyDeletejankari dene ke liye dhanyavaad.
Mausa ji !
ReplyDeleteabki bar jab ham aapke ghar aayenge to hame shiyamlatal jaroor ghuma kar lana.
It's a nice post with beautiful pictures.
ReplyDeleteचित्रों के माध्यम से,
ReplyDeleteबढिया जानकारी दी ..धन्यवाद
श्यामलाताल और माता पूर्णागिरि की
ReplyDeleteजानकारी देने के लिए..
धन्यवाद !!
जानकारी देने के लिए धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
ReplyDeleteshandar chitron ke sath badhiya jankari ke liye dhanyavaad.
ReplyDeleteइस सचित्र यात्रा में खूब मजा आया.. आभार
ReplyDeleteshastri ji ,namaskar
ReplyDeleteitne dher saare sundar tasveero ke dwara itni sundar jaankariya jo aap se mili iske liye shukraguzar hoon aapki .dhanyawaad .
सचित्र संपूर्ण जानकारी बहुत ही सुन्दर .
ReplyDeletebadhia post.
ReplyDeletesundar manbhavan chitra.
badhai.