पौराणिक कथा के अनुसार जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो उन्होंने सबसे पहले 4 जीव बनाए। 1- मनुष्य, 2- बैल 3- कुत्ता और 5- उल्लू । इन चारों में प्रत्येक की आयु भी 40-40 वर्ष निर्धारित कर दी। अब इन प्राणियों में विचार मंथन शुरू हुआ तो मनुष्य सोचने लगा कि मेरी आयु तो 40 वर्ष बहुत ही कम है। बैल, कुत्ता और उल्लू 40 वर्ष की आयु देखकर तो बहुत ही घबड़ा गए। सबसे पहले बैल ब्रह्मा जी के पास जाकर बोला- “महाराज 40 वर्ष की आयु तो मेरे लिए बहुत ही दुखदायक होगी। कृपा करके मेरी आयु कुछ कम कर दीजिए। उसको तुम्हारे साथी की आयु के खाते में लिख दिया जाएगा। बैल की आयु लेने से जब सबने इन्कार कर दिया तो मनुष्य से लोभ संवरण नही हुआ और उसने बैल की आधी आयु को स्वीकार कर लिया। अब कुत्ता ब्रह्मा जी के पास जाकर बोला- “महाराज कृपा करके मेरी आयु कुछ कम कर दीजिए। ब्रह्मा जी ने कहा – “तुम भी अपने किसी साथी से पूछ लो। यदि वह इसमें से कुछ ले लेता है तो तुम्हारी भी कम कर दी जायेगी।” कुत्ते की आयु लेने से भी सबने इन्कार कर दिया तो लेकिन मनुष्य ने कुत्ते की भी आधी आयु को स्वीकार कर लिया। अब उल्लू ब्रह्मा जी के पास जाकर बोला- “महाराज मेरी आयु कुछ कम कर दीजिए। ब्रह्मा जी ने कहा – “तुम भी मनुष्य से पूछ लो। यदि वह इसमें से कुछ ले लेता है तो तुम्हारी भी कम कर दी जायेगी।” अन्ततः मनुष्य ने उल्लू की भी आधी आयु को स्वीकार कर लिया। इस प्रकार मनुष्य की आयु 100 वर्ष की हो गई। सच पूछा जाए तो मनुष्य की अपनी आयु मात्र 40 वर्ष की है! जिसमें वह खेलने-कूदने, पढने-लिखने से लेकर धनोपार्जन और सन्तानोत्पत्ति तक करता है। 40 के बाद उसका बैल का जीवन शुरू हो जाता है। सन्तान का लालन-पालन और गृहस्थी की गाड़ी को मनुष्य खींचने लगता है। जब आयु 60 की हो जाती है तो सरकारी सेवा से भी मुक्ति मिल जाती है। पुत्र-पौत्रों का व्यवहार भी बदल जाता है। नाश्ता जल्दी खाने का मन है तो बच्चे कह देते है कि पिता जी आपको दफ्तर थोड़े ही जाना है, आप बाद में आराम से खाते रहना, आदि-आदि! यह कुत्ते की आयु होती है! जब आयु 80 की हो जाती है तो सन्यास आश्रम का शुभारम्भ हो जाता है। उल्लू की भाँति रात में नींद नही आती है! यह पौराणिक गाथा मनुष्य के जीवन पर विल्कुल सटीक बैठती है! |
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Wednesday, 4 August 2010
“सौ बरस की जिन्दगी” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)
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यही तो ज़िन्दगी की सच्चाई है……………बहुत सुन्दर संदेश देती कहानी।
ReplyDeleteविल्कुल सटीक
ReplyDeleteYah bhee khoob rahi! Lagta hai,ki,aaj gar bail,kutta yaa ullu mujhe poochhe to mai to unki aayu unhen lauta dun! Jab aaspaas umr daraaz logon kee halat dekhti hun to dar lagne lagta hai!
ReplyDeleteKyon umrdaraazee kee duaa dete hain?
ReplyDeleteDuaa hai yaa ki bad-duaa dete hain?
कुछ कुछ सच लगती है ।
ReplyDeletebahut hee badhiya kahaani
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ReplyDeleteसही कहा आपने। कथा वाकई रोचक है, प्रेरणाप्रद भी।
…………..
अंधेरे का राही...
किस तरह अश्लील है कविता...
अच्छी प्रस्तुति.....
ReplyDeleteअच्छा संदेश....
लगता है कि यह सच्ची कहानी है!... ऐसा ही मनुष्य के साथ हो रहा है!...सुंदर प्रस्तुति, धन्यवाद!
ReplyDeleteप्रेरक ।
ReplyDeleteवाह सर जी मजा आ गया अपनी लेखनी का बखूबी प्रयोग किया हॆ आपने
ReplyDeleteसुन्दर सन्देश देते हुए उम्दा प्रस्तुती! बधाई!
ReplyDeleteपौराणिक कथाओं मे जीवन के सन्देश छिपे रहते हैं। आज के युग मे भी सटीक बैठती है। धन्यवाद।
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