आदरणीय ब्लॉगर मित्रों! 18 अगस्त, 1945 को नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की विमान दुर्घटना में मृत्यु हुई थी? यह तथ्य तो कुछ और ही बयान करते हैं- 1- ब्रिटिश पार्ल्यामेंट में मि. एटिली (तत्कालीन प्रधानमंत्री) ने 18 अगस्त, 1945 में कहा था कि उनका भारतीय नेताओं से समझौता हो चुका है कि नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के पकड़े जाने पर उन्हें ब्रिटिश सरकार के हवाले कर दिया जायेगा! 2- 1948 में मास्को में दार्शनिक सम्मेलन में भाग लेने गये (पूर्व राष्ट्रपति) भारत के प्रख्यात दार्शनिक सर्वपल्ली राधाकृष्णन की मुलाकात नेता जी सुभाष चन्द्र बोस से हुई थी! 3- नेता जी सुभाष चन्द्र बोस तिब्बत में एकनाथलाता के रूप में 1960 में रहे! 4- श्रीमती विजयलक्ष्मी पण्डित की मुलाकात 1948 में रूस में नेता जी सुभाष चन्द्र बोस से हुई थी! उस समय वे भारत की विदेश मंत्री थी! शांताक्रूज हवाई अड्डे पर उन्होंने यह घोषणा की थी कि वह भारतवासियों के लिए एक अच्छी खबर लाई हैं परन्तु नेहरू जी के दबाव में आकर उन्होंने जीवनभर अपनी जबान नहीं खोली! 5- नेता जी सुभाष चन्द्र बोस 1960 से 1970 तक शारदानन्द के रूप में प.बंगाल में शौलमारी आश्रम में रहे! 6- नेता जी 1964 में नेहरू जी की मत्यु के बाद उनके शव के साथ देखे गये थे! 1944-45 27 मई 1964 7- नेता जी सुभाष चन्द्र बोस 1971 में काँग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इन्दिरा जी के साथ देखे गये! 8- नेता जी सुभाष चन्द्र बोस गुमनामी बाबा के रूप में फैजाबाद में 1985 तक रहे! 9- तेरह मई,1962 को नेहरू जी ने नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के बड़े बाई श्री सुरेशचन्द्र बोस को पत्र क्रमांक-704, पी.एम. / 62 में लिखा था कि हमारे पास नेता जी सुभाष चन्द्र बोस की मृत्यु का कोई प्रमाण नही है! 10- कस्बा पूरनपुर जनपद-पीलीभीत में 15 फरवरी 2009 को भारतीय सुभाष सेना के संस्थापक परम पूज्य महान संत सम्राट सुभाष जी द्वारा यह घोषणा की गई थी कि वे ही नेता जी सुभाष चन्द्र बोस हैं! नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को सादर नमन! |
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Wednesday, 18 August 2010
"नेता जी सुभाष चन्द्र बोस हैं?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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achhi jaankari guru ji!
ReplyDeleteशास्त्री जी,
ReplyDeleteआज तो आपने ये पोस्ट लगाकर हमारे रोंगटे खडे कर दिये अगर ये सच है और आपके पास प्रमाण हैं तो आप ये बात संसद और मीडिया मे उठाइये ताकि देश अपने होनहार के प्रति कुछ तो कृतज्ञ हो सके।
नेता जी सुभाष चन्द्र बोस को सादर नमन!
आपके पास प्रमाण हैं और ये सारे तथ्य आपने प्रस्तुत किये ही हैं तो फिर डर काहे का ………………मै तो हूँ ही और सारा देश और मीडिया भी आपके साथ होगा आप ये मुहिम शुरु तो कीजिये………………हम सब का ज्यादा से ज्यादा सहयोग होगा ।
ReplyDeleteबहुत बड़ी पहेली है... और कोई सच सामने लाने को तैयार नहीं,,,
ReplyDeleteशास्त्री जी,आप ने अच्छी जानकारी दी है...लेकिन सच क्या है यह कभी सामने नही आएगा....
ReplyDeleteनेता जी सुभाष चन्द्र बोस को सादर नमन!
बहुत बढ़िया जानकारी प्राप्त हुई! आखिर सच्चाई क्या है ये तो रहस्य बनकर ही रह जायेगा! नेताजी सुभाष चन्द्र जी को मेरा शत शत नमन !
ReplyDeleteनेता सुभाष चन्द्र बोस जी का जन्म 23 जनबरी 1897 को हुआ था.......और उनकी मृत्यु को 18 अगस्त 1945 को मानी जाती है, मगर उनकी मृत्यु से सम्बंधित प्रमाण मौजूद नहीं हैं |
ReplyDeleteयदि किसी व्यक्ति का 80 - 85 वर्ष तक जीवित होना मान लिया जाए, तो ये काफी हद तक संभव है की नेता सुभाष चन्द्र बोस 1985 तक अवश्य जीवित रहे होंगे....! साथ ही साथ आपके द्वारा प्रकाशित फोटो इस तथ्य को निश्चित बल देते हैं कि...... सुभाष जी कम से कम १९८५ तक अवश्य जीवित रहे होंगे.....!
फिर भी आपके द्वारा प्रकाशित फोटो यदि 2009 का मान लिया जाए तो नेता जी की 2009 तक 112 वर्ष होगी....! 112 वर्ष के लम्बे समय तक जीवित रहना बहुत भाग्यशाली लोगों को नसीब होता है, अतः इस पर सहसा विश्वास करना सबके लिए संभव नहीं है, साथ ही केवल एक तस्वीर को प्रमाण मान लेना उचित नहीं है,...........फिर भी तथ्य को एकदम नकार देना भी न्यायसंगत नहीं होगा....!
आन्दोलित कर देने वाली जानकारी देने के लिए आप बधाई के पात्र हैं। सच्चाई को उजागर करने की दिशा में आपका प्रयास सराहनीय ही नहीं वल्कि अनुकरणनीय है।
ReplyDeleteहमारे लिए तो हमारे आदर्श बोष १८ अगस्त १९४५ को मर चुके ! बाद बाकी क्या सच्चाई है ऊपर वाला जाने ! उनकी पुन्य तिथि पर उन्हें भावभीनी श्रधांजलि !
ReplyDeleteअच्छी जानकारी दी है ..रहस्य तो ये बना ही हुआ है ..प्रमाण और भी बहुत हैं .
ReplyDeleteशास्त्री जी, इस सत्य को सबके सामने लाने के लिए मेनस्ट्रीम मीडिया में आएं।
ReplyDeleteआश्चर्यजनक जानकारी ।
ReplyDelete१९६२ वाला फोटो देखकर तो भ्रम हो रहा है । लेकिन २००९ वाली बात गले से नहीं उतर रही ।
फिर भी एक मिस्ट्री तो है ।
कई कमिशन कमिशन खा कर बैठ गए पर यह गुत्थी अब तक नहीं सुलझी :)
ReplyDeleteअच्छी जानकारी मिली।
ReplyDeleteYour logic and proofs are very solid but how tragic it is that the politics of the nation does not want to accept this!
ReplyDeleteHowever, your efforts are praiseworthy.
Bhai sab..
ReplyDeleteSadar Pranam!
Bharteeya Etihaas ka ye sabse bada anutarit prashn hai ki "NETA JI SUBHASH CHANDRA BOSE KI MRUTYU HUI ATHWA NAHI"..
Main chhote se bada ho gaya par ye prashn jaisa kal tha vaisa aaj bhi hai..
Samay samay par patr patrikon main ye aalekh nikalte rahe par aaj tak koi samadhan koi na kar saka..
Jahan tak mujhe yaad hai.. FAIZABAD ke gumnam baba ki kahani us samay shayad Satyakatha ya Manohar kahaniyan patrika main aayi thi.. Jise prashasan ne nakar diya tha..
Vaise mera yah niji mat hai ki wo vyakti jisne British samrajya ki unke raj main hi ent se ent baja di ho.. Wo aazad Bharat main, es tarah gumnaami main nahi jee sakta.. Bhale koi bhi halaat hon.. Agar NETA JI SUBHASH CHANDR BOSE Jeevit hote to ve kahi na kahin se avashya shankhnaad karte..
Sadar
Deepak..
www.deepakjyoti.blogspot.com
Bhai sab..
ReplyDeleteSadar Pranam!
Bharteeya Etihaas ka ye sabse bada anutarit prashn hai ki "NETA JI SUBHASH CHANDRA BOSE KI MRUTYU HUI ATHWA NAHI"..
Main chhote se bada ho gaya par ye prashn jaisa kal tha vaisa aaj bhi hai..
Samay samay par patr patrikon main ye aalekh nikalte rahe par aaj tak koi samadhan koi na kar saka..
Jahan tak mujhe yaad hai.. FAIZABAD ke gumnam baba ki kahani us samay shayad Satyakatha ya Manohar kahaniyan patrika main aayi thi.. Jise prashasan ne nakar diya tha..
Vaise mera yah niji mat hai ki wo vyakti jisne British samrajya ki unke raj main hi ent se ent baja di ho.. Wo aazad Bharat main, es tarah gumnaami main nahi jee sakta.. Bhale koi bhi halaat hon.. Agar NETA JI SUBHASH CHANDR BOSE Jeevit hote to ve kahi na kahin se avashya shankhnaad karte..
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Wow this is a great resource.. I’m enjoying it.. good article
ReplyDeleteValuable info. Lucky me I found your site by accident, I bookmarked it.
ReplyDeleteनमस्कार , अच्छी जानकारी है , इस जानकारी को अधिक से अधिक भारतवासियों में बांटने के लिए आपसे नेट का फायदा उठाने की गुजारिश करता हूँ और कुछ अन्य हिन्दी मंचों का भी सहारा लेने की राय देता हूँ . कृपया इस मंच पर भी अपने विचार रखें www.hindiclub.in सभी हिन्दी प्रेमी आपके कृतज्ञ होंगे .
ReplyDeleteधन्यवाद
नमस्कार,अच्छी जानकारी है.
ReplyDeleteजिस देश की जनता aaj तक जिनको अपना ह्रदय सम्राट के रूप में मानते हुए भुला नहीं पाए उनके बारे में यह लेख पढ़कर दिल को आघात पहुंचा की उन जैसे महान व्यक्ति के साथ ये देश कैसा व्यवहार किया.
यह केसे संभव हो सकता है की २००९ तक वो जिन्दा थे
ReplyDeleteyah baat vishwash ke layak nahi hai. kyo ki yadi app NETA JI SUBHASH CHANDRA BOSE hai to ap ke ander wah jhos nahi hai jo log neta ji main dekhte the . isliye yah shoch ka karan hai
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