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Sunday, 29 December 2013

"कैसे उतरें पार?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')

लिए पुरानी अपनी नौका, 
टूटी सी पतवार,
बताओ कैसे उतरें पार?

देख रवानी लहरों की, 
हमने मानी है हार,
बताओ कैसे उतरें पार?

3 comments:

  1. अनुभवी-ज्ञानी हो आप जैसा खेवनहार, तो ले जाएगा टूटी नैया को भी उसपार.

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  2. पाण्डेय जी के कथन से पूर्णतः सहमत हूँ...

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  3. क्या बात है शास्त्री जी ! आप भी हाई टेक हो गए ! शुभकामनायें .

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