मित्रों!
आज देर शाम मुझको एक फोन आया- “मैं हरि शर्मा बोल रहा हूँ। आपने पहचाना
कि नहीं।“
मैंने उत्तर दिया- “नहीं”
फिर कहा “मैं ब्लॉग लिखता हूँ आपने मेरी कई पोस्टों पर कमेंट भी दिये
हैं।“
मैंने उत्तर दिया कि मुझे कुछ याद आ रहा है। कहीं आप नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे वाले हरि शर्मा तो नहीं हैं। तह वो बोले कि हाँ सर! मैंने आपका
नम्बर दिल्ली वाली श्रीमती वन्दना गुप्ता जी से लिया है। आजकल मैं सालभर से अल्मौड़ा
जिले की सोमेश्वर शाखा में भारतीय स्टेट बैंक में शाखाप्रबन्धक हूँ। किसी काम से टनकपुर जा रहा हूँ तो सोचा कि रास्ते में खटीमा
पड़ेगा। तभी याद आया कि खटीमा में तो एक जाने-माने ब्लॉगर डॉ. रूपचन्द्र
शास्त्री ‘मयंक’ जी रहते हैं।
इसके बाद हरि शर्मा जी बोले कि सर ये मेरे
लिए सौभाग्य की बात होगी कि मेरी मुलाकात आज ब्लॉगिंग के पुरोधा से होगी।
मैंने शर्मा जी को अपने घर का पता बताया
कि मेरा घर बरेली-टनकपुर हाइ-वे पर ही है। आप सौरभ अस्पताल के पास आ जाइए उससे
मिलता हुआ ही मेरा निवास है।
उनके साथ सोमेश्वर के ही एक जानी-मानी शख्शियत मंगल सिंह भी थे। लगे हाथ
उनसे भी भेंट हो गयी। शर्मा जी उन्हीं के साथ उनकी नयी ऑल्टो-800 में आये थे।
चाय का दौर शुरू हुआ तो ब्लॉगजगत की
बहुत सारी बातें भी हो गई। आधे घंटे की इस मुलाकात में कहीं भी ऐसा नहीं लगा कि
मैं किसी अपरिचित व्यक्ति से मिल रहा हूँ बल्कि यह आभास हुआ कि मैं अपने वर्षों
पुराने किसी अभिन्न मित्र से मिल रहा हूँ।
चलते-चलते शर्मा जी ने मुझे सोमेश्वर (अल्मौड़ा) आने का न्यौता भी दिया।
हरि शर्मा जी का संक्षिप्त परिचय
नाम हरि प्रसाद शर्मा
उम्र : ४७
लिंग: पुरुष
खगोलीय राशि: मीन
उद्योग: बैंक अधिकारी भा.स्टेट बैंक
व्यवसाय: प्रबन्धक
स्थान: सोमेश्वर,जिला अल्मौड़ा (उत्तराखण्ड) भारत |
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Monday, 8 April 2013
"एक शाम-हरि शर्मा के नाम" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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अविस्मरणीय मुलाकात की सुंदर रिपोर्ट.
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ReplyDeleteअविस्मरणीय मुलाक़ात,,,,
ReplyDeleteRECENT POST: जुल्म
बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
ReplyDeleteआपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा आज बुधवार (10-04-2013) के "साहित्य खजाना" (चर्चा मंच-1210) पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
सूचनार्थ...सादर!
ReplyDeleteआदरणीय शास्त्री जी ...आप को भी नवसम्वत्सर-२०७० की हार्दिक शुभकामनाएँ
कुछ लोग यों ही पल भर में छाप छोड़ जाते हैं दिल में समा जाते हैं का सुन्दर सिला परिचय करने लिए आभार हरी शर्मा जी के साथ साथ आप को भी शुभ कामनाएं
भ्रमर ५