निष्काम-भाव, सरलता, शीघ्रता और निष्पक्षता
इस पोस्ट का प्रारम्भ मैं "ब्लॉगवाणी" और "चिट्टाजगत" के साथ हुए संक्षिप्त वार्तालाप से कर रहा हूँ-
!! शीघ्र उत्तर !!
28 सितंबरको इसे अचानक बंद करने का ऐलान कर दिया गया था। ब्लॉगवाणी बंद होने की खबर ने ब्लॉगजगत को सदमे में डाल दिया था।
इसके बाद मेंने भी "ब्लॉगवाणी" टीम को मेल किया-
जिसका उत्तर था-
maithilysg
मुझेडॉ. रूप चन्द्र शास्त्री जी
हमें ब्लागवाणी बन्द करने का कैसा भी हक नहीं था. यह एक गलती थी. आभार तो आपका कि आपने हमें गलती सुधारने पर विवश किया. हमें विश्वास ही नहीं था कि आपका इतना प्यार हमें मिलता है
आपका
मैथिली
हमें ब्लागवाणी बन्द करने का कैसा भी हक नहीं था. यह एक गलती थी. आभार तो आपका कि आपने हमें गलती सुधारने पर विवश किया. हमें विश्वास ही नहीं था कि आपका इतना प्यार हमें मिलता है
आपका
मैथिली
सम्मानित मैथिली जी!
सस्नेह अभिवादन।
क्या मुझे आपका पूरा शुभ-नाम जानने का अधिकार है?
असमंजस में हूँ कि आपको बहिन जी कहूँ या भाई साहब से सम्बोधित करूँ।
कृपया अन्यथा न लें।
विवरण दिखाएँ २९ सितम्बर |
आदरणीय शास्त्री जी
मेरा पूरा नाम मैथिली शरण गुप्त है.
मैं सिरिल का पिता हूं
मैथिली
विवरण दिखाएँ २१ अगस्त |
श्रीमन्!
ये मेरी पत्नी जी का ब्लॉग है। इन्होंने मेरी कविताओं को अपना स्वर देकर इस ब्लॉग पर लगाने की इच्छा जाहिर की है।
कृपया,
!! त्वरित संज्ञान !!
विवरण दिखाएँ २१ अगस्त |
विपुल जी
कृप्या इसे चिट्ठाजगत में ले लें.
कृप्या इसे चिट्ठाजगत में ले लें.
सादर
समीर लाल
समीर लाल
मान्यवर,
आप नीचे का लिंक देखें और इस पोस्ट पर की गई टिप्पणियाँ भी देख लें। मैं यह मानता हूँ कि अज्ञात और अश्लील टिप्पणीकारों पर रोक नही लगाई जा सकती है। परन्तु प्रत्येक ब्लॉग-स्वामी के पास इन अशिष्ट और अश्लील टिप्पणियों को डिलीट करने का सर्वाधिकार तो सुरिक्षत है ही। फिर इस ब्लाग पर ये गन्दी टिप्पणियों क्यों नज़र आ रही हैं?
सभी हिन्दी चिट्ठाकार ज्ञानार्जन और ज्ञान बाँटने के लिए ही ब्लॉगिंग करते हैं, ऐसा मेरा मानना है। परन्तु यदि साहित्यकारों के यहाँ ऐसी टिप्पणियों दिखाई देती हैं तो इन ब्लॉगर्स को किसी भी स्थिति में क्षमा नही किया जा सकता है।
ये चिट्ठाकार यदि अश्लीलता में लिप्त रहना चाहते हैं तो जाल-जगत पर तो इनके लिए ऐसी बहुत सी सामग्री उपलब्ध है।
अन्त में,
मैं ब्लॉगवाणी, चिट्ठा-जगत के साथ-साथ सभी हिन्दी ऐग्रीग्रेटर्स के सम्मानित संचालकों से यह अनुरोध,निवेदन या प्रार्थना करता हूँ कि ऐसे चिट्ठों को अविलम्ब अपनी सूचि से हटाने की कृपा करें।
सादर-
डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
आपका
विवरण दिखाएँ ४ | परम सम्मानित मैथिली जी! |
अभिवादन के साथ निवेदन है कि मेरे इस ब्लॉग को ब्लॉगवाणी में सम्मिलित कर
सादर-
डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
आपका
विवरण दिखाएँ ४ नवम्बर (3 दिनों पहले) |
आदरणीय डॉ. रूपचंद्र शास्त्री जी
ब्लागवाणी पर आपका स्वागत है
टीम ब्लागवाणी
अपने एक मित्र के ब्लॉग को ब्लागवाणी में सम्मिलित कराने के लिए मेल किया तो किनी शीघ्रता से ब्लागवाणी टीम का उत्तर मेरे नाम से आया।
विवरण दिखाएँ ४ नवम्बर (3 दिनों पहले) |
ब्लाग सुझाने के लिये धन्यवाद
लेकिन ब्लागवाणी में फिलहाल द्विभाषीय ब्लाग शामिल नहीं किये जाते
नवम्बर माह के अन्त तक ब्लागवाणी का नया बहुभाषीय संस्करण आने की संभावना है जिसमें सभी भारतीय भाषाओं के ब्लाग शामिल किये जा सकेंगे
टीम ब्लागवाणी
निष्काम भाव से सरलता,शीघ्रता और निष्पक्षता से
हिन्दी चिट्ठों के इन एग्रीग्रेटरों को
हृदय-तल की अन्तरतम गहराइयों से
धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।
Aapkaa paryaas saraahneey shahstree ji, evam blogvani ko dhanyvaad. kyaa kare, kuch logo ko gandagee hee pasand aatee hai !!
ReplyDeleteहर अच्छी चीज को गन्दा करने वाले हर जगह हर क्षेत्र में होते है. अच्छी चीजो का इस डर से परहेज नही करेंगे. समाधान अवश्य विचारणीय होना चाहिए.
ReplyDeleteमेरा भी धन्यवाद शामिल करे ब्लोगवाणी को और चिट्ठा जगत के साथ आपको भी
यह सच है कि ब्लाग एग्रीगेटर हैं तो हम एक दूसरे के ब्लाग तक पहुँच पाते हैं नहीं तो बस अपनी लिखो और खुश हो जाओ।
ReplyDeletenice
ReplyDeletedhnyavaad aapko is aalekh ke liye
ReplyDeleteblogvani ke to sabhi kritagya honge ....aapka bhi aabhar.
ReplyDeleteस्वभाविक प्रतिक्रिया.
ReplyDeleteवाकई शब्दो का दंगह है, हा हा हा
ReplyDeleteआपकी बातो से सहमत हूँ कि हमें ही संयम रखना होगा, जो कोई भी है वो हममे से ही होता है कोई बाहरी तो आता नही है।
दंगह - दंगल
ReplyDeleteीआपका प्रयास रंग लाया आप ौर ब्लागवाभी का धन्यवाद्
ReplyDelete