समर्थक

Sunday 8 November 2009

""ब्लॉगवाणी और चिट्ठा जगत कितने उदार हैं"" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")

निष्काम-भाव, सरलता, शीघ्रता और निष्पक्षता
इस पोस्ट का प्रारम्भ मैं "ब्लॉगवाणी" और "चिट्टाजगत" के साथ हुए संक्षिप्त वार्तालाप से कर रहा हूँ-
!! शीघ्र उत्तर !!

28 सितंबरको इसे अचानक बंद करने का ऐलान कर दिया गया था। ब्लॉगवाणी बंद होने की खबर ने ब्लॉगजगत को सदमे में डाल दिया था।
इसके बाद मेंने भी "ब्लॉगवाणी" टीम को मेल किया-
जिसका उत्तर था-

maithilysg

 मुझे

डॉ. रूप चन्द्र शास्त्री जी
हमें ब्लागवाणी बन्द करने का कैसा भी हक नहीं था. यह एक गलती थी. आभार तो आपका कि आपने हमें गलती सुधारने पर विवश किया. हमें विश्वास ही नहीं था कि आपका इतना प्यार हमें मिलता है
आपका
मैथिली


 
उत्तर दें
 

डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"

 maithilysg



सम्मानित मैथिली जी!
सस्नेह अभिवादन।
क्या मुझे आपका पूरा शुभ-नाम जानने का अधिकार है?
असमंजस में हूँ कि आपको बहिन जी कहूँ या भाई साहब से सम्बोधित करूँ।
कृपया अन्यथा न लें।



 
उत्तर दें
 

maithilysg

 मुझे
विवरण दिखाएँ २९ सितम्बर
आदरणीय शास्त्री जी
मेरा पूरा नाम मैथिली शरण गुप्त है.
मैं सिरिल का पिता हूं
मैथिली

डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"

 Udan
विवरण दिखाएँ २१ अगस्त
 
श्रीमन्!
ये मेरी पत्नी जी का ब्लॉग है। इन्होंने मेरी कविताओं को अपना स्वर देकर इस ब्लॉग पर लगाने की इच्छा जाहिर की है।
कृपया,

http://bhartimayank.blogspot.com/ को चिट्ठा-जगत मे शामिल करवाने की अनुकम्पा करें।
!! त्वरित संज्ञान !!

 
उत्तर दें
 

Sameer Lal

 विपुलमुझे
विवरण दिखाएँ २१ अगस्त
विपुल जी
कृप्या इसे चिट्ठाजगत में ले लें.
सादर
समीर लाल


 
उत्तर दें
 




भ्राताश्री प्रणाम!



मान्यवर,
आप नीचे का लिंक देखें और इस पोस्ट पर की गई टिप्पणियाँ भी देख लें। मैं यह मानता हूँ कि अज्ञात और अश्लील टिप्पणीकारों पर रोक नही लगाई जा सकती है। परन्तु प्रत्येक ब्लॉग-स्वामी के पास इन अशिष्ट और अश्लील टिप्पणियों को डिलीट करने का सर्वाधिकार तो सुरिक्षत है ही। फिर इस ब्लाग पर ये गन्दी टिप्पणियों क्यों नज़र आ रही हैं?
सभी हिन्दी चिट्ठाकार ज्ञानार्जन और ज्ञान बाँटने के लिए ही ब्लॉगिंग करते हैं, ऐसा मेरा मानना है। परन्तु यदि साहित्यकारों के यहाँ ऐसी टिप्पणियों दिखाई देती हैं तो इन ब्लॉगर्स को किसी भी स्थिति में क्षमा नही किया जा सकता है। 
ये चिट्ठाकार यदि अश्लीलता में लिप्त रहना चाहते हैं तो जाल-जगत पर तो इनके लिए ऐसी बहुत सी सामग्री उपलब्ध है।
अन्त में,
मैं ब्लॉगवाणी, चिट्ठा-जगत के साथ-साथ सभी हिन्दी ऐग्रीग्रेटर्स के सम्मानित संचालकों से यह अनुरोध,निवेदन या प्रार्थना करता हूँ कि ऐसे चिट्ठों को अविलम्ब अपनी सूचि से हटाने की कृपा करें।
सादर-
डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
आपका
























 
उत्तर दें
 

Sameer Lal

 मुझे
विवरण दिखाएँ ११ अक्तूबर
आदरणीय रुपचंद्र जी

मैने अपनी समझ के मुताबिक ............को यह टिप्पणी कर समझाने की कोशिश की है:
----------------------------------
आप इस तरह की टिप्पणी प्रकाशित ही क्यूँ करते हैं. गन्दगी फैलाने के लिए जितना गन्दी टिप्पणी करने वाला जिम्मेदार है, उतना ही उसे प्रकाशित या न डिलिट करने वाला भी.

आपसे निवेदन है कि इन अश्लील टिप्पणियों को हटा दें एवं मॉडरेशन सक्षम कर लें ताकि उन्हें अप्रूव ही न होने दें.

ऐसे प्रकाशित रहने देने में तो लगता है कि आप बात को तूल देने में लगें हैं.

हम सभी को ऐसी टिप्पणियों से नवाजा जाता रहा है बरसों से लेकिन हम न अप्रूव करते हैं और न ही किसी को पता चलने देते हैं. ये लोग खुद ही कुछ दिन में अपनी दाल गलती न देख हौसला खो देते हैं.

सार्थक कदम यही होगा कि आप इन्हें हटा दें और आगे से प्रकाशित ही न करें.

आशा है आप मेरी बात का निहित समझेंगे.

शुभकामनाएँ.
maithilysg

विवरण दिखाएँ ४ 
परम सम्मानित मैथिली जी!


अभिवादन के साथ निवेदन है कि मेरे इस ब्लॉग को ब्लॉगवाणी में सम्मिलित कर

सादर-
डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"
आपका




उत्तर दें



Team-Blogvani

 मुझे
विवरण दिखाएँ ४ नवम्बर (3 दिनों पहले)
आदरणीय डॉ. रूपचंद्र शास्त्री जी


ब्लागवाणी पर आपका स्वागत है


टीम ब्लागवाणी
अपने एक मित्र के ब्लॉग को ब्लागवाणी में सम्मिलित कराने के लिए मेल किया तो किनी शीघ्रता से ब्लागवाणी टीम का उत्तर मेरे नाम से आया।




उत्तर दें




Team-Blogvani

 मुझे
विवरण दिखाएँ ४ नवम्बर (3 दिनों पहले)
ब्लाग सुझाने के लिये धन्यवाद
लेकिन ब्लागवाणी में फिलहाल द्विभाषीय ब्लाग शामिल नहीं किये जाते
नवम्बर  माह के अन्त तक ब्लागवाणी का नया बहुभाषीय संस्करण आने की संभावना है जिसमें सभी भारतीय भाषाओं के ब्लाग शामिल किये जा सकेंगे
टीम ब्लागवाणी
निष्काम भाव से सरलता,शीघ्रता और निष्पक्षता से
हिन्दी चिट्ठों के इन एग्रीग्रेटरों को 
हृदय-तल की अन्तरतम गहराइयों से 
धन्यवाद ज्ञापित करता हूँ।

10 comments:

  1. Aapkaa paryaas saraahneey shahstree ji, evam blogvani ko dhanyvaad. kyaa kare, kuch logo ko gandagee hee pasand aatee hai !!

    ReplyDelete
  2. हर अच्छी चीज को गन्दा करने वाले हर जगह हर क्षेत्र में होते है. अच्छी चीजो का इस डर से परहेज नही करेंगे. समाधान अवश्य विचारणीय होना चाहिए.
    मेरा भी धन्यवाद शामिल करे ब्लोगवाणी को और चिट्ठा जगत के साथ आपको भी

    ReplyDelete
  3. यह सच है कि ब्‍लाग एग्रीगेटर हैं तो हम एक दूसरे के ब्‍लाग तक पहुँच पाते हैं नहीं तो बस अपनी लिखो और खुश हो जाओ।

    ReplyDelete
  4. dhnyavaad aapko is aalekh ke liye

    ReplyDelete
  5. blogvani ke to sabhi kritagya honge ....aapka bhi aabhar.

    ReplyDelete
  6. स्वभाविक प्रतिक्रिया.

    ReplyDelete
  7. वाकई शब्‍दो का दंगह है, हा हा हा


    आपकी बातो से सहमत हूँ कि हमें ही संयम रखना होगा, जो कोई भी है वो हममे से ही होता है कोई बाहरी तो आता नही है।

    ReplyDelete
  8. ीआपका प्रयास रंग लाया आप ौर ब्लागवाभी का धन्यवाद्

    ReplyDelete

केवल संयत और शालीन टिप्पणी ही प्रकाशित की जा सकेंगी! यदि आपकी टिप्पणी प्रकाशित न हो तो निराश न हों। कुछ टिप्पणियाँ स्पैम भी हो जाती है, जिन्हें यथासम्भव प्रकाशित कर दिया जाता है।